हिमाचल बारिश: विनाश का स्तर 2023 से अधिक, लेकिन हताहतों की संख्या कम: सुक्खू
देवेंद्र माधव
- 30 Aug 2025, 09:11 PM
- Updated: 09:11 PM
शिमला, 30 अगस्त (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के कारण भारी बारिश से होने वाली आपदाओं में हताहतों की संख्या 2023 की तुलना में अपेक्षाकृत कम रही है, हालांकि इस साल विनाश का स्तर बहुत अधिक है।
सुक्खू ने चंबा और कांगड़ा जिलों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए कहा कि राज्य में दो साल पहले आई बाढ़ की तुलना में सड़क, बिजली, जलापूर्ति और संचार सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘इस वर्ष, पूरा राज्य लगातार बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से हुई तबाही से प्रभावित हुआ है। पुनर्वास राज्य सरकार के लिए एक चुनौती थी, लेकिन जनता के सहयोग से हम इससे निपट लेंगे। बेघर हुए और आजीविका के सभी साधन खो चुके परिवारों का पुनर्वास करना हमारी ज़िम्मेदारी है, और हम उनकी सहायता के लिए एक विशेष राहत पैकेज प्रदान करेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जमीनी स्तर पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों को निकाल रही है जो चंबा और भरमौर के रास्ते में विभिन्न स्थानों पर बाढ़ के कारण सड़कें बह जाने के कारण बीच रास्ते में फंस गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चंबा जिला प्रशासन को जल्द से जल्द सड़क संपर्क बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन मौसम एक चुनौती बन रहा है। भरमौर क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालना भी अनुकूल मौसम पर निर्भर है, हालांकि इस उद्देश्य के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं।’’
उन्होंने बताया कि जिले में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए उत्खनन मशीनों और अन्य भारी मशीनों को तैनात किया गया है।
प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं की भी आलोचना की और कहा कि वे संकटग्रस्त लोगों को सहायता देने के बजाय अफवाहें फैलाने में व्यस्त हैं।
उन्होंने राज्य में बादल फटने की लगातार घटनाओं के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए एक अध्ययन कराने पर भी जोर दिया और कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के साथ हाल में हुई बैठक के दौरान उन्होंने केंद्र से इस मामले पर विचार करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह बनाने को कहा।
मणिमहेश यात्रा पर गए हजारों तीर्थयात्री अभी भी चंबा जिले में फंसे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर भरमौर क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
पिछले कुछ दिनों में हुई बारिश के कारण 560 सड़कों को बंद कर दिया गया है। इनमें चंडीगढ़-मनाली रोड, पुराना हिंदुस्तान तिब्बत रोड, मंडी-धर्मपुर रोड और औट-सैंज रोड जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं।
मंडी-कुल्लू मार्ग पर हनोगी माता मंदिर के निकट भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग फिर से बंद हो गया, जिससे दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई।
इस बीच, मनाली शहर में हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं, जहां पिछले पांच दिनों में भारी तबाही हुई है।
भाषा देवेंद्र