डीटीडीसी को उम्मीद, कुल कारोबार का 50 प्रतिशत हिस्सा होगा ई-कॉमर्स से
योगेश पाण्डेय
- 31 Aug 2025, 05:54 PM
- Updated: 05:54 PM
मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) कूरियर सेवा प्रदाता डीटीडीसी एक्सप्रेस का लक्ष्य है कि उसका ई-कॉमर्स कारोबार कुल राजस्व का लगभग 50 प्रतिशत तक पहुंचे।
कंपनी इन दिनों 'रैपिड कॉमर्स' यानी तेज डिलीवरी सेवाओं पर बड़ा दांव लगा रही है, क्योंकि आज के ग्राहक अपने ऑर्डर की जल्द और समय पर डिलीवरी चाहते हैं।
कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक चक्रवर्ती ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि कंपनी ने इसी महीने अपनी रैपिड कॉमर्स सेवा 'रफ्तार' की शुरुआत की है, जिसमें चार से छह घंटे के अंदर डिलीवरी की जाती है। ग्राहकों की बढ़ती उम्मीदों को पूरा करने के लिए, डीटीडीसी एक्सप्रेस अगली तीन तिमाहियों में 125 छोटे गोदाम खोलने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, ''रैपिड कॉमर्स आज के दौर में एक बहुत ही उपयुक्त तरीका है। हम जानते हैं कि क्विक कॉमर्स का मतलब है मिनटों में डिलीवरी, जो तत्काल खरीदारी, जरूरी चीजों और किराना सामान के लिए बहुत बढ़िया है।''
चक्रवर्ती ने कहा, ''मुझे लगता है कि कई ऐसे उत्पाद हैं, जिनके लिए ब्रांडों को एक तेज, टिकाऊ और किफायती समाधान चाहिए। डीटीडीसी यही सुविधा देना चाहती है, ताकि ब्रांडों को ज्यादा पैसे खर्च न करने पड़ें। इस तरह वे सिर्फ बड़े शहरों तक ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों तक भी पहुंच सकेंगे। यही हमारा लक्ष्य है।''
उन्होंने बताया कि यह इस साल की शुरुआत में डीटीडीसी द्वारा शुरू किए गए 'विजन 2030' का एक हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ''हमारा पारंपरिक कारोबार बहुत मजबूत और स्थिर है और उससे अच्छी कमाई भी होती है। लेकिन, हम जानते हैं कि नई मांगें और ग्राहक की जरूरतें अब नए क्षेत्रों में बढ़ रही हैं और इन्हीं में कंपनी अपना भविष्य देखती है।''
कंपनी ने अपने 35वें स्थापना दिवस के अवसर पर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का ई-कॉमर्स बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस समय इसका कुल व्यापार मूल्य लगभग 80 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया है और यह हर साल लगभग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इस तेजी के पीछे डिजिटल तकनीक का बढ़ता उपयोग और ग्राहकों की बढ़ती खरीदारी ताकत है।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 60 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक उसी दिन डिलीवरी के लिए ज्यादा पैसे देने को तैयार हैं। भारत में यह बाज़ार 2030 तक 15 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
डीटीडीसी का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था जैसे-जैसे बढ़ेगी, एक्सप्रेस डिलीवरी का कारोबार ज्यादा रफ्तार से बढ़ेगा।
भाषा योगेश