दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा, निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह
गोला अविनाश
- 01 Sep 2025, 05:13 PM
- Updated: 05:13 PM
नयी दिल्ली, एक सितंबर (भाषा) दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और मंगलवार शाम तक इसके 206 मीटर के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसके मद्देनजर प्राधिकारियों ने बाढ़ क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की सलाह दी है।
हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार अपराह्न 12 बजे पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर यमुना का जलस्तर 204.87 मीटर तक पहुंच गया। दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर और खतरे का निशान 205.33 मीटर है और जलस्तर 206 मीटर पहुंचने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया जाता है।
दिल्ली के छह जिलों के निचले इलाकों में लगभग 15,000 लोग रहते हैं, जबकि लगभग 5,000 लोग बाढ़ क्षेत्र में रहते हैं।
पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरों पर नज़र रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु के रूप में कार्य करता है।
यहां जारी बाढ़ चेतावनी में कहा गया है, ‘‘चूंकि ओआरबी में जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है और 206.50 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है, इसलिए सभी अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखें और संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक कार्रवाई करें।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों को आगाह किया जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।’
इसमें चेतावनी दी गई है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा और ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा को देखते हुए यह सूचित किया जाता है कि दो सितंबर को शाम पांच से आठ बजे के बीच दिल्ली रेलवे ब्रिज पर जल स्तर 206 मीटर को पार कर सकता है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, बाढ़ की चेतावनी जारी होने के समय हथिनीकुंड बैराज से सुबह नौ बजे 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वजीराबाद बैराज से लगभग 38,900 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दिल्ली के संभागीय आयुक्त नीरज सेमवाल ने कहा कि अगले कुछ दिनों में बैराजों से तीन लाख क्यूसेक से ज़्यादा पानी छोड़े जाने की उम्मीद है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने संबंधित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को जरूरी तैयारियों के बारे में सूचित कर दिया है। हमने उन्हें भोजन, बिजली और राहत शिविरों से जुड़ी तैयारियों के बारे में सूचित कर दिया है। जिलाधिकारियों द्वारा स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।’’
सेमवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नदी का जलस्तर 206 मीटर को पार कर जाएगा तथा उसके बाद पानी कम होना शुरू होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर जलस्तर और बढ़ता है तो हम तैयार हैं। हम ओखला बैराज से पानी के बहाव पर नज़र रख रहे हैं। अगर पानी बहता रहा, तो संतुलन बना रहेगा। हमें उम्मीद है कि 2023 में पैदा हुई समस्या फिर न हो।’’
संभागीय आयुक्त ने बताया कि ज़्यादातर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पूर्वी और उत्तर-पूर्वी ज़िलों में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निवासियों को सावधान करने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं और कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। वहां ज़्यादातर लोग खेती-बाड़ी से जुड़े हैं और वे पानी कम होने की उम्मीद में अंत तक वहीं रहने की कोशिश करते हैं। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उनके खाने-पीने का इंतज़ाम किया गया है।’’
दक्षिण-पूर्व के जिला मजिस्ट्रेट ओखला बैराज का दौरा कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ संपर्क में भी हैं, जो इसे नियंत्रित करता है। वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि आवश्यकता पड़ने पर पानी का प्रवाह (या निर्गम) बढ़ाया जा सके।
इन सभी बैराजों से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। ऊपरी इलाकों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में छोड़े गए पानी से भी जलस्तर बढ़ रहा है, जो शहर में चेतावनी के निशान के करीब पहुंच रहा है।
भाषा
गोला