हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन से पांच लोगों की मौत, शिमला में शैक्षणिक संस्थान बंद
आशीष माधव
- 01 Sep 2025, 10:15 PM
- Updated: 10:15 PM
शिमला, एक सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कई जगहों पर भारी बारिश के बीच भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में 35 वर्षीय व्यक्ति और उसकी बेटी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
शिमला जिला बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां रविवार शाम से 122.8 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। भारी बारिश की चेतावनी के मद्देनजर प्रशासन ने मंगलवार को शिमला में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का फैसला किया है।
शिमला-कालका रेलवे मार्ग पर भूस्खलन के बाद छह ट्रेन रद्द कर दी गई हैं और राज्य में चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 1281 सड़कें बंद हैं।
स्थानीय मौसम विभाग ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया, जिसमें मंगलवार तक तीन से छह जिलों के अलग-अलग इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई।
इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को राज्य विधानसभा को सूचित किया कि हडसर और मणिमहेश झील के बीच कुगती से चार और शव बरामद होने के साथ ही 15 अगस्त को शुरू हुई मणिमहेश यात्रा के दौरान मरने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
हडसर चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में वह स्थान है, जहां से मणिमहेश की पैदल यात्रा शुरू होती है। सुक्खू ने बताया कि 8,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित कुगती गांव में बरामद चार शवों को वापस लाने के लिए लगभग 20 ‘पोर्टर’ की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि मार्ग पर फंसे 15,000 तीर्थयात्रियों में से 10,000 को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
शिमला शहर के बाहरी क्षेत्र जुंगा के डबलू इलाके में रात के दौरान हुई भूस्खलन की घटना में वीरेंद्र कुमार और उनकी दस साल की बेटी की मौत हो गई। वीरेंद्र की पत्नी इस घटना में बच गईं, क्योंकि वह घर से बाहर थीं।
एक अन्य घटना में शिमला के कोटखाई क्षेत्र के चोल गांव में सोमवार तड़के एक मकान के ढह जाने से उसके मलबे में एक बुजुर्ग महिला दब गई। महिला की पहचान कलावती के रूप में हुई है और उसका शव मलबे से बरामद किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला के जुब्बल के बधाल गांव में हुए भूस्खलन में 23 वर्षीय एक युवती की मौत हो गई, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
सिरमौर के चौरास इलाके में एक और मकान ढह गया, जिससे 37 वर्षीय शीला देवी (37) नाम की एक महिला और उसके आठ मवेशियों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पिछले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश के कारण पांच लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) गुंजीत सिंह चीमा ने बताया कि पांवटा क्षेत्र के बांगरान गांव में गिरि नदी के खतरे को देखते हुए लगभग 50 निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। जिला मुख्यालय नाहन से लगभग 90 किलोमीटर दूर सिरमौर जिले के कफोटा उपमंडल के अंतर्गत टटियाना गांव में बादल फटने की घटना की सूचना मिली है।
शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने सोमवार शाम को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मंगलवार (2 सितंबर) को जिले भर में स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी केंद्र, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, कोचिंग सेंटर और नर्सिंग संस्थानों सहित सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया।
शिमला में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन, पेड़ गिरने और सड़कें बंद होने की घटनाएं हुई हैं।
शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र के दयाल मोरी गांव में रविवार देर रात भूस्खलन के बाद चार परिवारों के 10 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। शिकडी नदी का जलस्तर बढ़ने से इसके आसपास रहने वाले लोग सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।
रोहड़ू के एसडीएम रमेश धमोत्रा ने बताया, ‘‘तीन मकानों में चार परिवार रह रहे थे। भूस्खलन में दो गौशालाएं पूरी तरह से दब गईं और आसपास के मकान भी खतरे में पड़ गए।’’
उन्होंने बताया कि बचाव कार्य के बाद कुलदीप, संदीप, प्रदीप और सोनफू राम के परिवारों को उसी गांव में कहीं और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया।
शिमला के पोर्टमोर सरकारी मॉडल स्कूल की एक दीवार गिर गई।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के एक ट्रांसफॉर्मर, एक आवासीय भवन और कर्मचारी आवास के ऊपर एक पेड़ उखड़ने के कगार पर था और खतरे की स्थिति में था।
राज्य की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हुई। आने वाले दिनों में भी पानी में गंदगी की अधिकता के कारण पानी की आपूर्ति प्रभावित रहेगी।
सोलन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ और ट्रेन परिचालन प्रभावित हुआ।
रेलवे के अनुसार, कालका से शिमला आने-जाने वाली ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जब तक रेलवे लाइन साफ नहीं हो जाती और इसे परिचालन के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्रेन का परिचालन फिर से शुरू नहीं होगा।
सोमवार सुबह मानसर के पास एक पर्वतीय क्षेत्र से भूस्खलन होने के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा, ‘‘सोमवार को जिले के अधिकतर हिस्सों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।’’
ठाकुर सेब उत्पादन क्षेत्र के प्रमुख केंद्र जुब्बल-कोटखाई से स्थानीय विधायक भी हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 1.30 करोड़ सेब की पेटियां (सेब उत्पादन का 50 प्रतिशत) मंडियों में पहुंचा दी गई हैं।
लाहौल और स्पीति जिले के सरचू और चंद्रताल में हल्की बर्फबारी हुई, जिसके कारण अधिकारियों ने यात्रियों के लिए चेतावनी जारी की है।
रविवार शाम से राज्य के कई हिस्सों में भारी से लेकर बहुत भारी बारिश हो रही है।
नांगल बांध में सबसे अधिक 220 मिलीमीटर बारिश हुई, इसके बाद रायपुर मैदान में 215 मिलीमीटर, नैना देवी में 192 मिलीमीटर, सोलन में 187 मिलीमीटर, नाहन में 177.8 मिलीमीटर, जट्टन बैराज में 170 मिलीमीटर और कसौली में 135 मिलीमीटर बारिश हुई।
वहीं, ददाहू में 134 मिलीमीटर, मलरांव में 132 मिलीमीटर, रोहड़ू में 130 मिलीमीटर, धर्मपुर में 124.6 मिलीमीटर, ऊना में 117.4 मिलीमीटर और शिमला में 115.8 मिलीमीटर, पांवटा साहिब में 109.6 मिलीमीटर, कंडाघाट में 108.2 मिलीमीटर, बरथिन में 108 मिलीमीटर, 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई।
आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार एनएच तीन (मंडी-धर्मपुर मार्ग), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच पांच (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग), एनएच 707 (हाटकोटी से पांवटा मार्ग) और एनएच 907 (पांवटा से यमुना नदी, राज्य के 10 जिलों) सहित कुल 1281 सड़कें अवरुद्ध हैं।
राजधानी शिमला में सबसे अधिक 267 सड़कें, मंडी में 257, चंबा में 239, कुल्लू में 168 और सिरमौर जिले में 126 सड़कें बंद हैं।
एसईओसी के अनुसार, राज्य भर में बिजली के 3,207 ट्रांसफॉर्मर और 790 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं।
राज्य में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ आने के 95 मामले, बादल फटने की 45 घटनाएं और बड़े भूस्खलन की 115 घटनाएं हुई हैं।
एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 326 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लापता हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस मानसून में राज्य को 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भाषा आशीष