हर साल सड़क हादसों में कोरोना से ज्यादा जानें जाती हैं, यह बड़ी चुनौती: मुख्यमंत्री
जफर राजेंद्र खारी
- 06 Sep 2025, 10:07 PM
- Updated: 10:07 PM
लखनऊ, छह सितम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान हमने तीन वर्षों में जितने लोगों को खोया उससे कहीं अधिक लोग हम सड़क दुर्घटनाओं में हर साल खो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में परिवहन विभाग की विभिन्न सेवाओं की शुरूआत और डिजिटल लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
उन्होंने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि परिवहन विभाग प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन का सबसे बड़ा माध्यम है और इसे विकसित भारत की परिकल्पना का सारथी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास देश में सबसे बड़ा बेड़ा है और इतनी बड़ी संख्या में सेवाएं देना अपने आप में एक उपलब्धि है लेकिन इसके साथ ही चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
योगी ने कहा, “सड़क सुरक्षा प्रदेश के लिए एक गंभीर चुनौती है। कोरोना काल के तीन वर्षों में जितनी जानें नहीं गईं, उससे अधिक लोग हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं। इनमें अधिकतर युवा होते हैं, जिससे परिवार उजड़ जाते हैं। यह समाज और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है और अगर किसी यात्री की जान बचती है तो यह विभाग की सकारात्मक छवि बनाता है लेकिन लापरवाही से जान जाने पर न केवल विभाग की बदनामी होती है बल्कि आर्थिक क्षति भी होती है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बस चालकों का नियमित मेडिकल और शारीरिक परीक्षण हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से कराया जाए।
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से आंखों की जांच जरूरी है ताकि दृष्टि दोष के कारण दुर्घटनाएं न हों।
योगी ने कहा कि सड़क पर अंदाजे से गाड़ी चलाने की छूट नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या विभाग की नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग, गांव-शहर, युवा-बुजुर्ग, महिला-पुरुष की साझा जिम्मेदारी है और जब सभी लोग इसमें जुड़ेंगे तो सड़क हादसों को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकसित एक ऐप के जरिए अत्यधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों की पहचान की गई, जिससे कई स्थानों पर हादसों की संख्या घटकर महीने में 18 से घटकर तीन तक हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सड़क सुरक्षा नियमों के पालन के साथ-साथ प्रकृति के अनुरूप विकास करना होगा। प्रधानमंत्री के ‘शून्य उत्सर्जन’ लक्ष्य को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। परिवहन और नगर विकास विभाग गांव-गांव संपर्क और बेहतर जन परिवहन प्रणाली के माध्यम से न सिर्फ प्रदूषण कम कर सकते हैं, बल्कि तीन लाख तक नए रोजगार भी सृजित कर सकते हैं।’’
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परिवहन विभाग को अपनी सेवाओं को आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों से न केवल पर्यावरण संरक्षण संभव है, बल्कि यात्रियों को बेहतर अनुभव भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया जा सकता है। साथ ही, पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने को भी प्रोत्साहित करना होगा, ताकि प्रदूषण के जोखिम और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके।
उन्होंने कहा कि ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थानों को और अधिक सशक्त किया जाना चाहिए तथा विभाग को जवाबदेही के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ जैसे आयोजनों में परिवहन विभाग ने लाखों यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाकर अपनी क्षमता को सिद्ध किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब आवश्यकता है कि यह विभाग लघु अवधि, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से राज्य के विकास के रथ का नेतृत्व करे।’’
भाषा जफर राजेंद्र