‘निपुण’ का उद्देश्य दिल्ली के विद्यालयों में पढ़ने, लिखने और गणित के कौशल को मजबूत करना
अमित सुरेश
- 08 Sep 2025, 09:10 PM
- Updated: 09:10 PM
नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) दिल्ली के कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र अब ‘दिल्ली निपुण संकल्प’ कार्यक्रम के तहत लक्षित शिक्षण उपकरणों, शिक्षक प्रशिक्षण, नियमित आकलन और विशेष हस्तक्षेप के माध्यम से पढ़ने, लिखने, समझने की क्षमता और बुनियादी गणित कौशल को मजबूत कर सकेंगे।
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी छात्रों को बुनियादी कौशल प्राप्त हों और इसके लिए यह राजधानी के सरकारी, अनुदान प्राप्त और नगर निगम विद्यालयों में साक्षरता और गणितीय कौशल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
शिक्षा निदेशालय (डीओई) के आंकड़े के अनुसार, हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला कि लगभग 38 प्रतिशत छात्रों को समझने की क्षमता विकसित करने में कठिनाई होती है, जबकि 43 प्रतिशत छात्रों को गणितीय अवधारणाओं को समझने में दिक्कत होती है। इससे व्यवस्थित सहायता की तत्काल आवश्यकता का पता चलता है।
डीओई ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत, शिक्षक हर छात्र के सीखने के स्तर को समझने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए खास तौर पर विकसित 21 मूल्यांकन उपकरणों का इस्तेमाल करेंगे। आधारभूत आकलन पहले से ही किया जा रहा है और हर तीन सप्ताह में पुनरावृत्ति अभ्यास कराया जाएगा। जिन छात्रों को अतिरिक्त अभ्यास कार्य की आवश्यकता होगी, उन्हें सीखने में सहयोग के लिए अतिरिक्त वर्कशीट दी जाएंगी।
विभाग ने कहा कि पाठ्यक्रम में मुख्य क्षमताएं शामिल हैं, जैसे- धाराप्रवाह पढ़ना, ध्यान से सुनना, लिखना, बुनियादी गणितीय सवाल हल करना और वास्तविक जीवन की स्थितियों में गणित का उपयोग करना। विभाग ने कहा कि ‘रेडीनेस मॉड्यूल’ चार स्तरों में डिजाइन किए गए हैं, जो कक्षा दो से आठ तक के छात्रों को शामिल करते हैं, ताकि हर छात्र को उनकी उम्र के अनुसार उचित शिक्षा सहायता मिल सके।
इसमें कहा गया है कि शिक्षकों को कक्षा में बेहतर शिक्षण विधियों को लागू करने, छात्रों की प्रगति की निगरानी करने और सुधारों का रिकॉर्ड रखने के लिए नियमित रूप से डेटा अपलोड करने के वास्ते प्रशिक्षित किया जा रहा है। डीआईईटी से प्रशिक्षित ‘फील्ड इन्वेस्टिगेटर’ सहित सहायता टीम स्कूल को इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद कर रही हैं।
इसमें कहा गया है कि निपुण या ‘एनआईपीयूएन’ (समझकर पढ़ने और गणितीय कौशल में दक्षता के लिए राष्ट्रीय पहल) प्रमाणपत्र कक्षा स्तर पर दिया जाएगा, न कि व्यक्तिगत रूप से। इसमें कहा गया है कि यदि कम से कम 80 प्रतिशत छात्र सीखने की दृष्टि से निर्धारित परिणाम हासिल करते हैं, तो वह कक्षा योग्य माने जाएंगे। इसमें कहा गया है कि गुणवत्ता जांच के लिए बिना क्रम के स्थलीय आकलन किया जाएगा और मानक से कम रहने वाली कक्षाओं को अतिरिक्त शैक्षणिक सहायता प्रदान की जाएगी।
भाषा अमित