इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना: मुख्यमंत्री यादव
ब्रजेन्द्र सुरभि
- 08 Sep 2025, 11:06 PM
- Updated: 11:06 PM
भोपाल, आठ सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है और वह इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परविर्तन से लड़ने के वैश्विक जनादेश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण लक्ष्यों को हासिल करना मध्यप्रदेश की प्राथमिकता है।
विश्व ईवी दिवस की पूर्व संध्या पर, उन्होंने लोगों से स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन को कम करने का आह्वान भी किया।
विश्व ईवी दिवस एक वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम है जो नौ सितंबर को जागरूकता बढ़ाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
एक आधिकारिक बयान में यादव ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के भविष्य का प्रतिनिधित्व करने के लिये तैयार हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।’’
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन जनसहयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में तेजी लाने के लिए सबसे प्रभावी समाधान हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश में जल्द इलेक्ट्रिक वाहन संवर्धन बोर्ड का गठन किया जायेगा। यह अंतर विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और विभिन्न मुद्दों का समाधान निकालने के लिए जिम्मेदार होगा। मध्यप्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग में आदर्श राज्य बनाने और इस क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित करने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की इलेक्ट्रिक वाहन नीति में रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में छूट के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि चार्जिंग और स्वैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लगाने में तेजी लाने के प्रयासों को भी प्रोत्साहन दिया जायेगा।
यादव ने कहा कि प्रदेश में ईवी उद्योग के लिए आवश्यक कौशल के साथ कार्यबल तैयार करने के मद्देनजर नीति में इंजीनयिरिंग कालेजों और आईटीआई में ईवी और ईवी संबंधित पाठयक्रम भी शुरू किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन को ईवी मॉडल सिटी के रूप में स्थापित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का लक्ष्य है कि 2070 तक भारत को अपने शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करे और स्वयं को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने वाले राज्यों में पहला स्थान हासिल करे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वायु गुणवत्ता के सुधार एवं पेट्रोल, डीजल वाहनों पर निर्भरता को कम करने तथा इलेक्ट्रिक चार्जिंग अधोसंरचना के निर्माण के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा मध्य्प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति-2025 का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत वर्ष 2030 तक प्रदेश में कुल पंजीकृत दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया वाहन एवं बस के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकृत के लिए क्रमश: 40 प्रतिशत, 80 प्रतिशत, 15 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन जैसे:- छोटे, मध्यम और बड़े चार्जिंग स्टेशन के लिए 10 लाख रुपये तक, अनुसंधान, नवाचार एवं कौशल विकास के लिए 2 करोड़ रुपये, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के लिये 5 लाख रुपये तक और दो पहिया, तीन पहिया एवं कार के लिए रेट्रोफिटिंग अंतर्गत 25 हजार रुपये तक के वित्तीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ईवी उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में मध्यप्रदेश अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। ईवी सेगमेंट को बढ़ता देख आम लोगों में उत्साह है कि भविष्य में मध्यप्रदेश ईवी मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा।’’
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बनने की क्षमता है और यहां सभी प्रकार की सहयोगी अधोसंरचनाएं मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी जरूरी है, जिसमें बैटरी निर्माण सुविधाएं, असेंबली प्लांट और आपूर्ति चैन नेटवर्क शामिल हैं। मध्यप्रदेश में इसकी भरपूर सभावनाएं हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में लिथियम खनन का काफी विकास हुआ है और देश के भीतर लिथियम की उपलब्धता से मौजूदा हालात पूरी तरह बदल सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। भारत में हाल में खोजे गए लिथियम के भंडार से आयात पर निर्भरता में कमी आने के साथ-साथ पूरे ईवी आपूर्ति चैन को मजबूती मिलने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा लाभ मध्यप्रदेश को होगा।’’
यादव ने कहा कि ईवी का उपयोग न केवल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और उपयोग की लागत को कम करता है बल्कि वितरण दक्षता भी बेहतर बनाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदूषण को कम करने और स्वच्छ एवं सुरक्षित वातावरण के लिए ईवी को अपनाना प्रासंगिक है। मध्यप्रदेश में इसके रूझान दिख रहे हैं। समुदायों और ग्राहकों में जागरूकता बढ़ रही है।’’
भाषा ब्रजेन्द्र