महिला एशिया कप हॉकी: भारत और जापान ने 1-1 से ड्रॉ खेला, कोरिया-चीन के नतीजे पर टिकी उम्मीदें
नमिता आनन्द
- 13 Sep 2025, 05:45 PM
- Updated: 05:45 PM
हांगझोउ (चीन), 13 सितंबर (भाषा) भारत ने शनिवार को यहां महिला एशिया कप के अपने आखिरी सुपर चार मैच में जापान के खिलाफ शुरुआती बढ़त गंवाकर 1-1 से ड्रॉ खेला और फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदें बरकरार रखीं।
भारत ने शानदार शुरुआत की। ब्यूटी डुंग डुंग ने सातवें मिनट में मैदानी गोल करके टीम को बढ़त दिला दी। लेकिन जापान ने वापसी की और शेहो कोबायाकावा (58वें मिनट) ने हूटर बजने से दो मिनट पहले ही बराबरी का गोल दाग दिया।
यह इस टूर्नामेंट में दोनों टीमों के बीच दूसरा ड्रॉ था। इससे पहले पूल चरण का मुकाबला भी 2-2 से बराबरी पर छूटा था।
जापान के खिलाफ जीत से भारत सीधे मेजबान चीन के खिलाफ फाइनल में पहुंच जाता।
अब भारत की फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदें चीन और कोरिया के बीच होने वाले मैच के नतीजे पर निर्भर करेंगी।
भारत ने एक जीत, एक हार और एक ड्रॉ से चार अंक बटोरे हैं जिससे उसका गोल अंतर माइनस एक है। चीन दो जीत से छह अंक के साथ सुपर चार तालिका में शीर्ष पर है और अगर वह कोरिया को हरा देता है तो उसके नौ अंक हो जाएंगे। कोरिया के एक अंक और गोल अंतर माइनस दो है।
अगर चीन कोरिया को हरा देता है या ड्रॉ करा लेता है तो भारत फाइनल में पहुंच जाएगा। लेकिन अगर कोरिया चीन को दो गोल के अंतर से हरा देता है तो वह फाइनल में पहुंच जाएगा।
चीन ने सुपर चार चरण में भारत को हराकर पहले ही फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी।
भारत ने बेहतर शुरुआत की और पहले कुछ मिनट में ही इशिका चौधरी ने गोलपोस्ट पर शॉट लगा दिया। इसके बाद जापान ने कुछ आक्रामक मूव बनाने शुरू किए। लेकिन भारत ने डुंग डुंग के गोल से बढ़त हासिल कर ली।
बराबरी की कोशिश में जुटी जापान ने जल्द ही एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया लेकिन भारत ने बिना परेशानी के उन्हें रोक दिया।
जैसे-जैसे मुकाबला आगे बढ़ा, भारतीयों ने गेंद पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया और हमले तेज कर दिए।
हालांकि जापान की रक्षा पंक्ति ने पहले हाफ के अंतिम क्षणों में भारत पर दबाव बनाया। पर भारत ने ब्रेक तक स्कोर 1-0 बनाए था।
अंतिम क्वार्टर में जापान ने बराबरी की कोशिश में आक्रामक रुख अपनाया। भारत ने कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल करके अपने विरोधियों पर दबाव बनाया।
जापान ने आखिरकार 58वें मिनट में गोल कर दिया। कप्तान अमीरू शिमादा बाईं ओर से आगे बढ़ी और गेंद को सर्कल में पहुंचा दिया, तभी शिहो कोबायाकावा तेजी से बिचू देवी को छकाते हुए गेंद को नेट में डालकर स्कोर बराबर करने में कामयाब रहीं।
भारत ने अंतिम क्षणों में कई प्रयास किए और एक पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किया। लेकिन जापान ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया और अंततः हूटर बजने पर दोनों टीमें बराबरी पर रहीं।
भाषा नमिता आनन्द