ओएनजीसी, ऑयल इंडिया का अगले साल स्ट्रेटीग्राफिक ड्रिलिंग अभियान शुरू करने का लक्ष्य
योगेश अजय
- 21 Sep 2025, 02:05 PM
- Updated: 02:05 PM
नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां... ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) अगले साल की शुरुआत में अप्रयुक्त अपतटीय क्षेत्रों में लगभग 3,200 करोड़ रुपये की लागत से एक स्ट्रेटिग्राफिक ड्रिलिंग अभियान शुरू करने की योजना बना रही हैं।
यह पहल नए हाइड्रोकार्बन (तेल और गैस) भंडार खोजने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में अंडमान, महानदी, सौराष्ट्र और बंगाल के तलछटी बेसिनों के गहरे समुद्र में चार कुएं खोदे जाएंगे।
वैश्विक ऊर्जा कंपनी बीपी तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगी, जिसमें ड्रिलिंग के लिए स्थान चयन और तकनीकी सहायता शामिल है।
स्ट्रेटिग्राफिक ड्रिलिंग, जिसे स्ट्रेटिग्राफिक टेस्ट वेल भी कहा जाता है, एक खोजी खुदाई है जिसका उद्देश्य तेल या गैस निकालना नहीं बल्कि जमीन के नीचे भूगर्भीय संरचनाओं का अध्ययन करना होता है।
इस प्रक्रिया से यह निर्धारित किया जाएगा कि क्या उस क्षेत्र में ऐसे हाइड्रोकार्बन संसाधन मौजूद हैं जिन्हें वाणिज्यिक रूप से निकाला जा सकता है।
ओएनजीसी ने कहा है कि उसके पास ड्रिलिंग के लिए रिग उपलब्ध है और उम्मीद है कि ड्रिलिंग 2026 की शुरुआत में शुरू हो जाएगी।
सरकार ने इस अभियान की लागत के लिए ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को मुआवजा देने की सहमति दी है। अनुमानित 3,200 करोड़ रुपये की लागत में बीपी को उनकी तकनीकी सेवाओं के लिए भुगतान भी शामिल है।
एक अधिकारी ने बताया, "जिन क्षेत्रों में स्ट्रेटिग्राफिक ड्रिलिंग होगी, वे वर्तमान में सरकार के स्वामित्व में हैं और किसी भी खोज के वाणिज्यिक उपयोग का निर्णय केवल सरकार ही लेगी, चाहे वह क्षेत्र की नीलामी के माध्यम से हो या किसी कंपनी या समूह को नामांकन के आधार पर सौंपकर।"
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बीपी खोज के व्यावसायीकरण में शामिल होना चाहेगी या नहीं। संभव है कि वह किसी भी विकास में पहले इनकार का अधिकार मांगे, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
भारत लगभग 88 प्रतिशत तेल और आधी प्राकृतिक गैस की जरूरत विदेशों से आयात करता है। सरकार इस लगभग 150 अरब डॉलर के आयात बिल को कम करने के लिए घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है। नए संसाधन खोजने के लिए स्ट्रेटिग्राफिक ड्रिलिंग एक अहम कदम है।
अधिकारियों ने बताया कि एक स्ट्रेटिग्राफिक कुएं की खुदाई में लगभग तीन महीने लग सकते हैं, और परिणामों की व्याख्या में तीन से चार तिमाहियों तक का समय लग सकता है।
भाषा योगेश