अमेरिका अपने व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए ‘दमनकारी हथकंडे’ अपना रहा : माकपा
पारुल नरेश
- 21 Sep 2025, 06:53 PM
- Updated: 06:53 PM
नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के अमेरिका के फैसले की रविवार को निंदा की। पार्टी ने कहा कि यह अन्य देशों की कीमत पर अपने व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर से दमनकारी हथकंडे अपनाए जाने का एक और उदाहरण है।
माकपा के पोलित ब्यूरो ने यहां जारी एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार को इस तरह की “जबरदस्ती और अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों” के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना चाहिए तथा अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें एची1बी वीजा शुल्क बढ़ाकर सालाना एक लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) किए जाने का प्रावधान है। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
बयान में कहा गया है, “माकपा पोलित ब्यूरो अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाए गए एकतरफा और प्रतिशोधात्मक कदमों की कड़ी निंदा करता है, जिसने प्रत्येक एच-1बी वीजा धारक पर 88 लाख रुपये का अत्यधिक शुल्क लगाया है।”
इसमें कहा गया है, “यह नया फैसला, जो 21 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा, अन्य देशों की कीमत पर अपने व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर से दमनकारी हथकंडे अपनाए जाने का एक और उदाहरण है।”
माकपा ने कहा कि यह कदम अमेरिका में भारतीय वस्तुओं के आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के तुरंत बाद उठाया गया है।
उसने कहा कि भारत की ओर से संचालित ईरान की चाबहार बंदरगाह परियोजना पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करना स्पष्ट रूप से द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के बहाल होने के ठीक बाद भारत पर दबाव बनाने के लिए उठाया गया कदम है।
माकपा ने कहा, “ये कदम धमकी देने के समान हैं, जिनका मकसद भारत को अमेरिका की टैरिफ संबंधी अनुचित मांगों के आगे झुकने के लिए मजबूर करना है।”
पार्टी ने एच1बी वीजा शुल्क में वृद्धि के फैसले पर सरकार की प्रतिक्रिया पर सवाल भी उठाया।
उसने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन दमनकारी हथकंडों का विरोध करने के बजाय आत्मनिर्भरता की आवश्यकता के बारे में अस्पष्ट उपदेशों के साथ जवाब देने का विकल्प चुना है। राष्ट्र के मुखिया का यह भगोड़ा रुख और विदेश मंत्रालय की समान रूप से दयनीय प्रतिक्रिया देश के लिए निराशाजनक एवं अपमानजनक है।”
माकपा ने कहा कि एच-1बी वीजा धारकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले इस अमेरिकी फैसले से हजारों कुशल भारतीय पेशेवरों पर सीधा और गंभीर असर पड़ेगा, उनके करियर में अड़चन आएगी तथा उनके परिवारों की आजीविका प्रभावित होगी।
पार्टी ने कहा, “माकपा की मांग है कि भारत सरकार इस तरह की जबरदस्ती और अन्यायपूर्ण कार्रवाइयों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए। उसे अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार करना चाहिए और भारतीय लोगों के अधिकारों एवं हितों की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।”
भाषा पारुल