उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक, आयोग ने जांच की घोषणा की
दीप्ति नोमान
- 21 Sep 2025, 10:39 PM
- Updated: 10:39 PM
देहरादून, 21 सिंतबर (भाषा) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा रविवार को विभिन्न विभागों के लिए आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने कथित रूप से लीक हो जाने के मामले में आयोग ने पुलिस से प्रकरण की विस्तृत जांच कराने की घोषणा की है।
आयोग के अध्यक्ष गणेश सिंह मर्तोलिया ने हालांकि, इसे 'पेपर लीक' का प्रकरण मानने से इनकार किया लेकिन कहा कि प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने बाहर आना चिंता की बात है।
उन्होंने कहा, “यह पेपर लीक का मामला नहीं है। किसी केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने बाहर निकले हैं । बाहर आए हैं तो हो सकता है कि वे किसी और जगह भी चले गये हों या किसी ने उन्हें हल कर दिया हो।”
हालांकि, मर्तोलिया ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर लगाए गए हैं तो यह आयोग के लिए भी बहुत आश्चर्यजनक है कि प्रश्नपत्र के कुछ पन्ने बाहर कैसे आए और इसीलिए प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) तथा विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से अनुरोध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “आयोग की ओर से एसटीएफ और देहरादून के एसएसपी को चिट्ठी लिखी जा रही है कि वे तत्काल इसकी जांच करें।”
मर्तोलिया ने कहा कि आयोग अपने स्तर पर भी इस बात की जांच कर रहा है कि किस केंद्र से ये पन्ने लीक हुए ।
पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया।
गौरतलब है कि पुलिस ने शनिवार को कथित तौर पर अभ्यर्थियों को 12-15 लाख रुपये में आयोग की इसी परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का लालच देने वाले दो आरोपियों-हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार किया था।
उत्तरकाशी जिले के रहने वाले हाकम सिंह को कुछ साल पहले भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इस बीच, कांग्रेस ने इस प्रकरण पर प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके सभी दावे खोखले और जुमले सिद्ध हुए हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वर्षों से सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे लाखों युवाओं के भविष्य के साथ धामी सरकार का यह एक और बड़ा धोखा है।
माहरा ने कहा, “धामी सरकार ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) कानून लाकर इसे देश का सबसे सख्त नकल-विरोधी कानून बताया था, लेकिन आज धामी सरकार के सभी दावे खोखले और जुमले साबित हुए।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार को पेपर लीक के आरोपी को फिर से गिरफ्तार करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले ही आशंका जताई थी कि सरकार पूरे प्रकरण में बड़े नेताओं और उच्चाधिकारियों को बचाने का काम कर रही है।
माहरा ने कहा, “आज यह फिर साबित हो गया कि पेपर लीक माफिया आज भी प्रदेश में सक्रिय है और धामी सरकार पूरी तरह निष्क्रिय साबित हुई है।”
उन्होंने हालांकि कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड के युवाओं के साथ इस तरह का खिलवाड़ किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस पूरे प्रदेश में इसका पुरजोर विरोध करेगी और युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।
भाषा दीप्ति