प्रधानमंत्री मोदी नामुमकिन को मुमकिन बनाते हैं: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन
पारुल नरेश
- 22 Sep 2025, 07:58 PM
- Updated: 07:58 PM
(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नामुमकिन को मुमकिन बना सकते हैं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग सहित दुनिया के तमाम नेताओं के साथ मोदी के संबंधों पर प्रकाश डाला। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री को अपना मित्र बताया है।
मोदी के भाषणों पर आधारित दो पुस्तकों के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने भले ही भारतीय वस्तुओं के आयात पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है, लेकिन ट्रंप ने मोदी को हमेशा अपना “अच्छा दोस्त” बताया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह “अंतरराष्ट्रीय राजनीति में मतभेदों के बावजूद” चीनी राष्ट्रपति के भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे संबंध हैं।
उपराष्ट्रपति पद संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राधाकृष्णन ने कहा, “अमेरिका ने भारत पर भले ही 50 फीसदी टैरिफ लगाया है, लेकिन ट्रंप हमेशा कहते हैं कि मोदी जी मेरे अच्छे दोस्त हैं। ऐसी स्थिति में भी उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि मैं मोदी के खिलाफ हूं। वह हमेशा कहते हैं कि मैं मोदी के साथ हूं।”
राधाकृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भी बेहद अच्छे मित्र हैं।
उन्होंने कहा, “...साथ ही, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में मतभेदों के बावजूद, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी मोदी जी के अच्छे मित्र हैं। आज हमने यह देखा है। यही कारण है कि वह (प्रधानमंत्री मोदी) नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।”
मोदी के दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री जनता के लिए सच्चे मन से काम करते हैं और बदले में कुछ हासिल करने की उम्मीद भी नहीं रखते।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को “देश-विदेश में करोड़ों लोगों के लिए एक जीवंत प्रेरणास्रोत बताया, जो अपने आचरण से लोगों को सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करते हैं और जिन्होंने आम आदमी के प्रतिनिधि से एक सच्चे जननेता के रूप में अपना सफर सफलतापूर्वक तय किया है।”
राधाकृष्णन ने कहा कि मोदी के दृढ़ संकल्प ने लोगों को दिखाया है कि कैसे “नामुमकिन को मुमकिन करना है, असंभव को संभव करना है...।”
स्वामी विवेकानंद के कथन-“उठो, जागो और तब तक मत रुको, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए”-को उद्धृत करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री का प्रत्येक भाषण दृढ़ता, दृढ़ संकल्प और लोक कल्याण का संदेश देता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री जनता की भाषा बोलते हैं और उनके हक की आवाज उठाते हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहले जब सरकारी योजनाएं शुरू होती थीं, तो वे ‘बैंड-एड’ (केवल फौरी राहत देने वाली) की तरह काम करती थीं, लेकिन मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के जरिये लोगों की सोच बदल दी।
वैष्णव ने कहा कि मोदी राजनीति का इस्तेमाल जनसेवा के लिए करते हैं और उनका हर फैसला समाज की भलाई पर केंद्रित होता है।
भाषा पारुल