आंध्र प्रदेश नयी धरोहर पर्यटन नीति लागू करेगा: राज्य के पर्यटन मंत्री
सुभाष शोभना
- 22 Sep 2025, 04:10 PM
- Updated: 04:10 PM
(कुणाल दत्त)
बेंगलुरु, 22 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के पर्यटन मंत्री कंदुला दुर्गेश ने कहा कि एक नयी धरोहर पर्यटन नीति पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है, जिसमें राज्य की ऐतिहासिक सार्वजनिक इमारतों के संरक्षण और संवर्धन की परिकल्पना की गई है ताकि उनकी पर्यटन क्षमता का दोहन किया जा सके।
उन्होंने यहां पर्यटन पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि सरकार एक नीति पर काम कर रही है जिसके तहत 'पुष्करम' के लिए 'टेंट सिटी' बनाई जाएगी। पुष्करम, उत्तर भारत के कुंभ मेले की तरह क्षेत्र में नदियों के किनारे 12 साल में एक बार आयोजित होने वाला उत्सव है।
दुर्गेश ने बताया कि एन. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने पिछले साल नयी पर्यटन नीति 2024-29 की घोषणा की थी, जिसके तहत पर्यटन गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति की प्रमुख विशेषता यह है कि उद्योग को दिए जा रहे सभी प्रोत्साहन पर्यटन को भी दिए जाएंगे। और, हम एक ‘होमस्टे’ नीति पर काम कर रहे हैं। हमने भूमि आवंटन नीति पर भी काम शुरू कर दिया है।’’
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भूमि आवंटन नीति, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देना है और जिसके तहत भूखंड पट्टे पर दिए जा सकेंगे, इस साल अगस्त में घोषित की गई थी और अब इसे लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘‘भारत में पहली बार’’, आंध्र प्रदेश सरकार ने यह भू-आवंटन नीति अपनाई है।
राज्य के संस्कृति विभाग का भी प्रभार संभाल रहे दुर्गेश ने 18 से 20 सितंबर तक बेंगलुरु में आयोजित ‘फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के 55वें वार्षिक सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में एक सभा को संबोधित किया।
उन्होंने लोगों और कंपनियों को आंध्र प्रदेश में होटल, रिसॉर्ट और अन्य पर्यटन गतिविधियों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।
दुर्गेश ने सम्मेलन से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश में आतिथ्य उद्योग के साथ-साथ अन्य पर्यटन गतिविधियों में निवेश करने के लिए बहुत अनुकूल माहौल है। इसलिए, किसी भी निवेशक के लिए आंध्र प्रदेश में आकर निवेश करने का यह सबसे अच्छा समय है।’’
यह पूछे जाने पर कि कौन सी नयी योजनाएं प्रस्तावित हैं, उन्होंने कहा कि एक ‘‘नयी धरोहर पर्यटन नीति’’ पर ‘‘विचार किया जा रहा है जिसे हम इस साल के अंत में लाएंगे।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘आंध्र प्रदेश में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। और, हम इनका उपयोग धरोहर केंद्रों के रूप में करना चाहते हैं।’’
उन्होंने अपने राज्य में ब्रिटिश काल के दौरान या उससे पहले निर्मित बड़ी संख्या में सरकारी और अन्य सार्वजनिक भवनों का उल्लेख किया, जैसे कि जिला कलेक्ट्रेट, सिविल कोर्ट, टाउन हॉल, पुस्तकालय या ऐसी अन्य संरचनाओं वाली पुरानी इमारतें।
दुर्गेश ने कहा, ‘‘हम मंदिर क्षेत्रों में, खासकर तिरुपति, श्रीशैलम, अन्नावरम, सिंहाचलम और अन्य स्थानों पर, टेंट सिटी विकसित करना चाहते हैं। ताकि नदी क्षेत्रों में, इन टेंट सिटी के माध्यम से ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था की जा सके। इसलिए हम टेंट नीति भी बनाने जा रहे हैं।’’
भाषा सुभाष