देश जीवाश्म ईंधन के विस्तार को जलवायु सीमाओं से कहीं आगे ले जा रहे हैं: रिपोर्ट
वैभव नरेश
- 22 Sep 2025, 04:31 PM
- Updated: 04:31 PM
नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) सोमवार को जारी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि देश 2030 में जितने जीवाश्म ईंधन उत्पादन की योजना बना रहे हैं, वह वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए जरूरी ईंधन से दोगुने से अधिक हो सकता है।
उत्पादन अंतराल रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि कोयला, तेल और गैस के लिए सरकारों की उत्पादन योजनाएं 1.5 डिग्री सेल्सियस के ईंधन उपयोग के लक्ष्य से 120 प्रतिशत अधिक और 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के लक्ष्य से 77 प्रतिशत अधिक हैं।
पेरिस समझौता 2025 में अपने 10 साल पूरे कर रहा है, जिसके तहत देशों ने तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री तक सीमित रखने और इसे 2 डिग्री से काफी नीचे रखने के लिए प्रयास जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई थी।
दुबई में आयोजित सीओपी28 में, सरकारों ने ‘ऊर्जा प्रणालियों में जीवाश्म ईंधन से दूसरे स्रोतों की ओर जाने’ के आह्वान पर सहमति व्यक्त की।
स्टॉकहोम एनवॉयरमेंट इंस्टीट्यूट, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड क्लाइमेट एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, जीवाश्म ईंधनों का उपयोग कम करने के बजाय, सरकारें अब सामूहिक रूप से 2035 तक कोयला उत्पादन, 2050 तक गैस उत्पादन और सदी के मध्य तक तेल उत्पादन में निरंतर वृद्धि की योजना बना रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस सामूहिक विफलता का मतलब है कि गंवा चुके समय की भरपाई के लिए आने वाले दशकों में जीवाश्म ईंधन उत्पादन में और भी तेजी से गिरावट लानी होगी।’’
भारत, अमेरिका, चीन, रूस, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया सहित 20 प्रमुख उत्पादकों को शामिल करते हुए किए गए विश्लेषण से पता चला है कि उनमें से 17 देश अब भी 2030 तक कम से कम एक जीवाश्म ईंधन का उत्पादन बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। ग्यारह उत्पादकों को उम्मीद है कि कोयला, तेल या गैस का उत्पादन दो साल पहले की तुलना में अधिक होगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक, कोयला उत्पादन 1.5 डिग्री सेल्सियस के अनुरूप स्तर से 500 प्रतिशत अधिक होगा, तेल उत्पादन 31 प्रतिशत अधिक और गैस उत्पादन 92 प्रतिशत अधिक होगा।
यह इस वैज्ञानिक सहमति के बावजूद आया है कि वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 2040 तक कोयले का उपयोग लगभग समाप्त कर देना चाहिए और 2050 तक तेल एवं गैस उत्पादन में तीन-चौथाई की कटौती करनी चाहिए।
भाषा वैभव