जुबिन गर्ग को अंतिम विदाई देने गुवाहाटी स्टेडियम में उमड़े प्रशंसक
शफीक पारुल
- 23 Sep 2025, 12:36 AM
- Updated: 12:36 AM
गुवाहाटी, 22 सितंबर (भाषा) लोप्रिय गायक जुबिन गर्ग को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को दूसरे दिन भी हजारों प्रशंसक गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में उमड़ पड़े।
राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, गायक पापोन और भूटान नरेश के प्रतिनिधि सहित कई प्रमुख हस्तियों ने भी स्टेडियम में गायक को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शोक संतप्त लोग जुबिन के अंतिम दर्शन के लिए रविवार को रातभर कतार में खड़े रहे और घंटों इंतजार किया। उनका पार्थिव शरीर पारंपरिक असमिया ‘गमोसा’ से ढके कांच के ताबूत में रखा गया है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों से कई लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आए थे, तथा रविवार से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, ताकि वे अपने चहेते कलाकार को अंतिम बार देख सकें।
जुबिन के चार कुत्तों-इको, दीया, रैंबो और माया-को भी परिवार द्वारा अपने प्रिय मालिक को आखिरी बार देखने के लिए स्टेडियम लाया गया था। जुबिन की पत्नी गरिमा सहित परिवार के सदस्य जब पालतू जानवरों को ताबूत के पास ले गए, तो माहौल बेहद गमगीन हो गया और यह एक बेहद भावुक दृश्य था।
शिवसागर के एक इंजीनियर अरिंदम बुरागोहेन ने गर्ग को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रूंधे गले से कहा, "मैं कल गुवाहाटी पहुंचा और सरुसजई आया। लेकिन भीड़ बहुत अधिक होने के कारण मैं स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर सका। मैं आज कई घंटों तक कतार में खड़ा रहा और किसी तरह उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सका।"
नलबाड़ी का एक दंपति, जो रविवार को स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर पाया था, आज सुबह फिर से लौटा और कई घंटों तक चिलचिलाती धूप में कतार में खड़ा रहा। अपनी पत्नी के साथ आए मकीबुल हुसैन ने कहा, "हमने एक दिग्गज खो दिया है, एक ऐसा व्यक्ति जो सच्चाई के लिए खड़ा रहता था। जुबिन के नहीं रहने से, हमने उस निडर आवाज़ को खो दिया है जो जब भी कुछ गलत देखता था, आवाज़ उठाता था। हम उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने का यह मौका नहीं गंवा सकते थे।’’
मंगलदाई से पिता-पुत्र अपने साथ एक 'गमोसा' लेकर आए थे, जिस पर 'जुबिन दा अमर रहें' लिखा था। उन्होंने गायक-संगीतकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कई लोगों ने पुष्प और गमोसा अर्पित किए, जबकि कुछ ने उनकी अंतिम विदाई के क्षणों को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया। प्रशंसकों ने स्टेडियम के बाहर जुबिन के लोकप्रिय गीत भी गाए और श्रद्धांजलि देने के बाद भी वहां से जाने को तैयार नहीं थे। चिलचिलाती धूप के कारण कई लोग बीमार पड़ गए, जिनका इलाज चिकित्सीय टीम ने मौके पर किया।
गायक का पार्थिव शरीर रविवार सुबह सिंगापुर से गुवाहाटी लाया गया। सिंगापुर में शुक्रवार को समुद्र में तैरते समय उनका निधन हो गया था। सबसे पहले उनके पार्थिव शरीर को काहिलीपाड़ा स्थित उनके निवास पर ले जाया गया, और इस दौरान हजारों लोग हवाई अड्डे से लेकर उनके घर तक के 25 किलोमीटर लंबे रास्ते पर कतारों में खड़े रहे।
शनिवार शाम से ही भीड़ सरुसजई के ‘अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ में जुटना शुरू हो गई थी और रविवार तक यह संख्या लाखों में पहुंच गई।
जुबिन की पत्नी गरिमा ने लोगों को उनके ‘असीम स्नेह और दुआओं’ के लिए धन्यवाद दिया।
भाषा
शफीक