ओडिशा के बलंगा में लड़की की मौत आत्मदाह का मामला: मुख्यमंत्री मोहन चरण माझाी
यासिर सुरेश
- 22 Sep 2025, 08:05 PM
- Updated: 08:05 PM
भुवनेश्वर, 22 सितंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी जिले में एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले का खुलासा करते हुए सोमवार को कहा कि बलंगा की घटना बदमाशों द्वारा किया गया हमला नहीं, बल्कि ‘आत्मदाह का मामला’ है।
उन्होंने कहा कि शुरू में बताया गया था कि यह बदमाशों द्वारा किया गया हमला है।
विधानसभा में बीजू जनता दल (बीजद) विधायक तुषारकांति बेहरा जेना के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में माझी ने कहा कि यह तथ्य गलत थे कि 15-वर्षीय लड़की को 19 जुलाई को अज्ञात व्यक्तियों ने आग लगा दी थी।
उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां ने बलंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी को जबरन नदी के तटबंध पर ले गए और उस पर मिट्टी का तेल तथा पेट्रोल डालकर उसे मारने का प्रयास किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बयान के अनुसार, लड़की किसी तरह बच निकली और पास के एक घर में मदद मांगी। काफी जल चुकी लड़की को स्थानीय ग्रामीणों ने बचाया और पिपिली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर भेज दिया गया। अगले दिन उसे ‘एयरलिफ्ट’ करके एम्स, नयी दिल्ली ले जाया गया, जहां दो अगस्त को उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पीड़िता ने बीएनएसएस की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते समय कहा था कि गुस्से और घृणा के कारण उसने अपने शरीर पर मिट्टी का तेल डाला और खुद को आग लगा ली।’’
उन्होंने सदन को बताया कि जांच वरिष्ठ अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में की गई थी और बाद में इसे गलत तथ्य बताते हुए ‘फाइनल रिपोर्ट’ के रूप में अदालत में वापस कर दिया गया।
सदन को दिए अपने लिखित बयान में मुख्यमंत्री ने बताया कि जून 2024 से अगस्त 2025 तक राज्य में बलंगा मामले सहित महिलाओं और लड़कियों के आत्मदाह के कुल 15 मामले दर्ज किए गए।
राज्य में जून 2024 में माझी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनी।
उन्होंने बताया कि आत्मदाह की 15 घटनाओं में से चार बालासोर, तीन कटक और दो गंजम जिले में दर्ज की गईं। बाकी घटनाएं खुर्दा, केंद्रपाड़ा, मयूरभंज, संबलपुर, सुंदरगढ़ और पुरी जिलों में हुईं।
भाषा यासिर