कपड़ा व्यापार को गहरा करने के लिए ब्रिटेन की यात्रा पर है भारतीय प्रतिनिधिमंडल
राजेश राजेश अजय
- 23 Sep 2025, 08:30 PM
- Updated: 08:30 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) शीर्ष अधिकारियों और निर्यातकों का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल कपड़ा मूल्य श्रृंखला में देश की ताकत का प्रदर्शन करने और भारत-ब्रिटेन व्यापार संबंधों को गहरा करने के लिए लंदन के दौरे पर है। मंगलवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई। गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद, भारत अपने कपड़ा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 40 देशों के बाजारों पर नजर गड़ाए हुए है, जो परिधान निर्यात के सबसे बड़े बाजार हैं।
ये 40 देश मिलकर लगभग 600 अरब डॉलर के कपड़ा और परिधान आयात का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भारत को अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है।
भारत, ब्रिटेन का चौथा सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक देश है।
वित्त वर्ष 2024-25 में ब्रिटेन को निर्यात 2.16 अरब डॉलर का रहा था, जो ब्रिटेन के आयात का 6.6 प्रतिशत हिस्सा है।
भारत ने 24 जुलाई को ब्रिटेन के साथ एक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए। यह देश का अबतक का सबसे महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है, जिसमें शुल्क से लेकर प्रौद्योगिकी तक 26 क्षेत्र शामिल हैं।
भारत-ब्रिटेन सीईटीए जैसे समझौतों के तहत टिकाऊ पहल और बाजार पहुंच से प्रेरित होकर, भारत के समग्र कपड़ा निर्यात को वर्ष 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय की सचिव नीलम शमी राव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल कपड़ा मूल्य श्रृंखला में भारत की ताकत का प्रदर्शन करने और भारत-ब्रिटेन व्यापार संबंधों को गहरा करने के लिए लंदन का दौरा कर रहा है। प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख निर्यात संवर्धन परिषदों (ईपीसी) और प्रमुख निर्यातकों के प्रतिनिधि शामिल हैं।’’
यात्रा के पहले दिन, कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें एक कपड़ा रोड शो और हस्तशिल्प, हथकरघा और कालीन क्षेत्रों के खरीदारों के साथ क्षेत्रीय बैठकें शामिल थीं।
कपड़ा मंत्रालय ने कहा, ‘‘लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और कपड़ा मंत्रालय द्वारा ईपीसी के साथ संयुक्त रूप से आयोजित टेक्सटाइल रोड शो ने सीईटीए के तहत मौजूद व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला।’’
सीईटीए, भारत का 16वां और सबसे व्यापक व्यापार समझौतों में से एक है। इस समझौते का उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं के द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान के 56 अरब डॉलर से दोगुना करके 112 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। भारतीय व्यवसायों के लिए सीईटीए के मुख्य लाभों को समझना आवश्यक है।
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