ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी ने युवराज सिंह से सात घंटे तक पूछताछ की
मोना आनन्द सुधीर
- 23 Sep 2025, 10:09 PM
- Updated: 10:09 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप ‘वन एक्स बेट’ से जुड़े धन शोधन के मामले में पूछताछ के लिये प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष मंगलवार को पेश हुए जहां उनसे लगभग सात घंटे तक पूछताछ हुई। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
सफेद टीशर्ट और जींस पहने 43 वर्ष के युवराज दोपहर बारह बजे एजेंसी के दफ्तर पहुंचे और रात आठ बजे से कुछ समय पहले वहां से बाहर निकले।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने इस हरफनमौला से पूछताछ की और धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत उनके बयान दर्ज किये ।
एक इन्फ्लुएंसर अन्वेशी जैन भी इसी मामले में पूछताछ के लिये ईडी के समक्ष पेश हुई ।
ईडी इससे पहले क्रिकेटर सुरेश रैना, शिखर धवन, रॉबिन उथप्पा, टीएमसी की पूर्व सांसद और बांग्ला अभिनेत्री मिमि चक्रवर्ती, अभिनेता अंकुश हाजरा से भी पूछताछ कर चुका है । अभिनेता सोनू सूद को बुधवार को पूछताछ के लिये बुलाया गया है।
इस सट्टेबाजी ऐप के संचालन की जांच ईडी की ऐसे प्लेटफार्मों के खिलाफ व्यापक जांच का हिस्सा है, जिन पर करोड़ों रुपये की ठगी करने और कथित तौर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों की भारी मात्रा में चोरी करने के आरोप हैं।
कुराकाओ में पंजीकृत ‘वन एक्स बेट’ खुद को 18 साल के अनुभव वाला एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप बताता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार, यह अपने ग्राहकों को हजारों खेल आयोजनों पर दांव लगाने की सुविधा देता है और इसकी वेबसाइट और ऐप 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं।
इस जांच के तहत आने वाले दिनों में एजेंसी द्वारा कुछ अन्य खिलाड़ियों, फिल्म अभिनेताओं, ऑनलाइन प्रभावशाली व्यक्तियों और मशहूर हस्तियों से पूछताछ किए जाने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार ईडी जल्द ही इस मामले में उन लोगों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है जो ऐप की प्रचार गतिविधियों से अर्जित कथित आपराधिक आय का इस्तेमाल करते पाए गए हैं। बाद में अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार एजेंसी की जांच का उद्देश्य मशहूर हस्तियों से यह जानना है कि सट्टेबाजी कंपनी ने उनसे समर्थन प्राप्त करने के लिए किस प्रकार संपर्क किया, भारत में संपर्क के लिए नोडल व्यक्ति कौन है, भुगतान का तरीका (हवाला या बैंकिंग चैनल के माध्यम से नकद) और भुगतान का स्थान (भारत या विदेश में) आदि क्या है ।
समझा जाता है कि एजेंसी क्रिकेटरों और अभिनेताओं के बयान दर्ज करते हुए उनसे पूछ रही है कि क्या उन्हें पता था कि भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग अवैध है। एजेंसी ने उनसे इस ऐप के साथ किए गए उनके अनुबंधों और सभी संबंधित ईमेल और कागजी दस्तावेजों की एक प्रति भी मांगी है।
सूत्रों के अनुसार ईडी उन पैसों के अंतिम उपयोग की भी जांच कर रही है जो इन हस्तियों ने लिए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इनमें से किसी को पीएमएलए के तहत ‘अपराध से प्राप्त आय’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने हाल ही में एक कानून लाकर भारत में असली पैसों वाले ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ईडी ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर में अपने वरिष्ठ अधिकारियों की एक राष्ट्रीय बैठक के दौरान कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग से जुड़े इस क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले वित्तीय अपराधों की जांच के लिए ‘विशेष रणनीति’ के तहत काम शुरू करने का भी फैसला किया है।
सरकारी प्रतिबंध से पहले किए गए बाजार विश्लेषण फर्मों और जांच एजेंसियों के अनुमानों के अनुसार ऐसे विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स में लगभग 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता थे। इसमें आधे नियमित उपयोगकर्ता थे।
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का बाजार 100 बिलियन डॉलर से अधिक का होने का अनुमान था, जो 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा था। सरकार ने संसद को बताया है कि उसने 2022 से जून 2025 तक ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों को ब्लॉक करने के लिए 1,524 आदेश जारी किए हैं।
भाषा
मोना आनन्द