ईडी ने सत्येन्द्र जैन के खिलाफ बेनामी मामले में सात करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की
अमित दिलीप
- 23 Sep 2025, 10:09 PM
- Updated: 10:09 PM
नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने कथित "बेनामी" संपत्ति से जुड़े धन शोधन मामले के तहत आम आदमी पार्टी (आप) नेता एवं दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के ‘‘लाभकारी स्वामित्व व नियंत्रण’’ वाली कंपनियों की करीब 7.44 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं।
यह ताजा जब्ती ऐसे समय हुई है, जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में आयकर विभाग के एक मामले कहा था कि जैन के करीबी सहयोगी - अंकुश जैन और वैभव जैन - उनके "बेनामी धारक" थे और उन्होंने आय प्रकटीकरण योजना (आईडीएस), 2016 के तहत अग्रिम कर के रूप में बैंक ऑफ बड़ौदा, भोगल शाखा में 7.44 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे।
उसने कहा, "माननीय उच्चतम न्यायालय ने उनकी (आरोपियों की) विशेष अनुमति याचिकाएं और समीक्षा याचिकाएं खारिज कर दीं, जिससे (उच्च न्यायालय का) निष्कर्ष अंतिम हो गया।"
वर्ष 2016 की आईडीएस केंद्र सरकार द्वारा लायी गई थी, जिसके तहत अवैध रूप से कर चोरी करने वाले घरेलू आय और संपत्ति धारकों को कर और 45 प्रतिशत जुर्माना अदा करके पाक-साफ़ होने का एक बार का मौका दिया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि आईडीएस के तहत अंकुश जैन और वैभव जैन ने अकिंचन डेवलपर्स, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स और इंडो मेटल इम्पेक्स जैसी कंपनियों के खातों में 2011 और 2016 के बीच प्राप्त 16.53 करोड़ रुपये की आय या संपत्ति के लाभकारी स्वामित्व का दावा किया।
एजेंसी ने कहा कि ये इकाइयां सत्येन्द्र कुमार जैन के स्वामित्व और नियंत्रण में थीं।
आम आदमी पार्टी (आप) के 60 वर्षीय नेता ने कहा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और वे राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार हुए हैं।
ईडी ने कहा कि उसने यह जानकारी सीबीआई के साथ साझा की है, जिसने दिसंबर 2018 में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था।
उसने कहा कि सीबीआई ने मामले की आगे जांच की और बाद में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 तक दिल्ली सरकार में मंत्री के रूप में सत्येंद्र जैन के कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा अर्जित अनुपातहीन संपत्ति को "बढ़ाया" गया।
ईडी ने कहा कि सीबीआई की इस अभियोजन शिकायत के बाद, उसने 7.44 करोड़ रुपये की नयी संपत्तियों की पहचान की और 15 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनकी कुर्की के लिए एक अनंतिम आदेश जारी किया।
ईडी ने कहा कि वह इस बेनामी संपत्ति मामले में आरोपियों के खिलाफ "जल्द ही" एक नया आरोपपत्र दाखिल करेगा।
सत्येंद्र जैन को मई 2022 में ईडी ने आय से अधिक सम्पत्ति मामले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था। 18 महीने जेल में बिताने के बाद वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
मार्च 2022 में, ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी और आरोप लगाया था कि ये संपत्तियां सत्येंद्र जैन के "लाभकारी स्वामित्व और नियंत्रण वाली" कंपनियों की हैं।
इसने जुलाई 2022 में आप नेता और कुछ जुड़े लोगों के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई दिल्ली के राउज़ एवेन्यू स्थित एक विशेष पीएमएलए अदालत में चल रही है।
भाषा अमित