दुर्गा पूजा से पहले कोलकाता में हुई भारी वर्षा, जनजीवन अस्त व्यस्त
राजकुमार वैभव
- 23 Sep 2025, 10:19 PM
- Updated: 10:19 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 23 सितंबर (भाषा) कोलकाता में पिछली रात से मंगलवार सुबह तक भारी बारिश होते रहने से महानगर थम-सा गया, जगह-जगह वाहन फंसे रहे और पैदल यात्रियों को जलमग्न सड़कों से गुजरने में परेशानी हुई।
शहर में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से नौ की मौत बिजली का झटका लगने से हुई। मूसलाधार बारिश रात भर हुई, जो लगभग चार दशकों में सबसे भारी बारिश थी। ऐसी भीषण वर्षा के चलते महानगर और आसपास के जिलों में यातायात व्यवस्था चरमरा गई और पश्चिम बंगाल सरकार को स्कूल बंद करने पड़े तथा दुर्गा पूजा की छुट्टियां समय से पहले करनी पड़ीं।
चौबीस घंटे से भी कम समय में 251.4 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई जो 1986 के बाद से सबसे अधिक बारिश तथा पिछले 137 वर्षों में छठी सबसे अधिक एकल-दिवसीय वर्षा थी। वर्ष 1978 में 369.6 मिमी, 1888 में 253 मिमी और 1986 में 259.5 मिमी बारिश हुई थी।
मूसलाधार वर्षा के परिणामस्वरूप मुख्य सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं, मेट्रो और रेल सेवाएं बाधित हो गईं तथा हवाई यात्रा भी अस्त-व्यस्त हो गई। अगले सप्ताह पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा से पहले शहर सामान्य स्थिति के लिए संघर्ष कर रहा है।
कुछ इलाकों में तो कुछ ही घंटों में 332 मिमी बारिश हो गई। इससे भी बदतर स्थिति 1978 में आई बाढ़ से ही हुई थी, जब 369.6 मिमी बारिश हुई थी।
उत्तर में एमजी रोड से लेकर दक्षिण में जोधपुर पार्क की जलमग्न गलियों तक, इस बारिश ने शहर के किसी भी कोने को नहीं बख्शा।
पूरे शहर में जनजीवन ठप पड़ गया। प्रमुख मार्गों पर मेट्रो सेवाएं निलंबित कर दी गईं। पूर्वी रेलवे ने सियालदह दक्षिण खंड पर परिचालन रोक दिया और सर्कुलर रेलवे की पटरियां पानी में डूब गईं।
हवाई अड्डे पर, कम से कम 30 उड़ानें रद्द कर दी गईं और 30 से ज़्यादा देरी से चलीं, जिससे सैकड़ों लोग फंस गए।
ईएम बाईपास, एजेसी बोस रोड और सेंट्रल एवेन्यू भी जलमग्न हो गए। बसें बेजान हालत में खड़ी रहीं।
रूपा चटर्जी नामक एक महिला कर्मी ने कहा, ‘‘मुझे लेक गार्डन्स से रासबिहारी एवेन्यू तक कमर तक पानी में लगभग तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि मैं आज रात घर कैसे पहुंचूंगी।’’
भाषा राजकुमार