उच्च न्यायालय ने बच्चू कडू, प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग से हटने का आदेश दिया
देवेंद्र माधव
- 29 Oct 2025, 09:32 PM
- Updated: 09:32 PM
नागपुर, 29 अक्टूबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू और उनके समर्थकों को शहर के बाहरी इलाके में उस वर्धा रोड से हटने का बुधवार को निर्देश दिया, जहां वे पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की एक अवकाशकालीन पीठ ने मीडिया की खबरों से इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया और कहा कि कडू और उनके समर्थक बिना अनुमति के आंदोलन जारी रखे हुए हैं।
अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के अधिकार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन तथ्य यह है कि एक सार्वजनिक सड़क, विशेष रूप से एक राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध किया गया है, जो निश्चित रूप से भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने के नागरिकों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।
अदालत ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में न्यायपालिका की भूमिका सक्रिय प्रकृति की होनी चाहिए, क्योंकि वह हमारे संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों की रक्षक है।’’ महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ‘महा एल्गार मोर्चा’ में शामिल हो रहे हैं।
उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि 26 अक्टूबर को पुलिस ने कडू को 28 अक्टूबर को नागपुर के मौजा परसोडी में केवल एक दिन के लिए आंदोलन करने की अनुमति दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘प्रथमदृष्टया यह स्पष्ट है कि बिना किसी अनुमति के आंदोलन/विरोध अब भी जारी है और आम जनता के सामने समस्याएं बढ़ गई हैं।’’
पीठ ने कडू को आदेश दिया कि वह और उनके समर्थक तुरंत आंदोलन स्थल से हट जाएं।
उच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों के हटने का काम शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए, जिससे कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक शांति में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।
इसने कहा कि यदि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है तो कडू और उनके समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अदालत ने कहा कि यदि कडू और प्रदर्शनकारी सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से नहीं हटते हैं, जहां प्रदर्शन जारी है, तो पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों को हटाने और यातायात को सामान्य स्थिति में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।
पीठ ने नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त को बृहस्पतिवार सुबह अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इसने कहा कि यदि विरोध प्रदर्शन में कोई विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति मौजूद है तो उसे सम्मानपूर्वक हटाया जायेगा।
न्यायमूर्ति व्यास ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44, जिसे आमतौर पर वर्धा रोड कहा जाता है, पर यातायात अवरुद्ध होने के कारण आम जनता को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि पूर्व विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के नेतृत्व में ऋण माफी की मांग को लेकर 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन/विरोध प्रदर्शन किया था।
अदालत ने कहा कि प्रदर्शन के कारण 20 किलोमीटर तक यातायात जाम हो गया है और यहां तक कि एम्बुलेंस और पुलिस वाहनों की भी आवाजाही नहीं हो पा रही हैं।
इसने कहा कि नागपुर हवाई अड्डा उसी राजमार्ग पर स्थित है जिसका इस्तेमाल राष्ट्रीय कैंसर संस्थान तक पहुंचने के लिए भी किया जाता है।
अदालत ने कहा कि एक अस्पताल और कई स्कूल राजमार्ग पर स्थित हैं और यह मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है।
सुनवाई के दौरान सरकार का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता देवेंद्र चौहान ने किया।
भाषा
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