नागपुर में राजमार्ग, अवरुद्ध सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाया गया: पुलिस ने अदालत को बताया
देवेंद्र वैभव
- 30 Oct 2025, 04:14 PM
- Updated: 04:14 PM
नागपुर, 30 अक्टूबर (भाषा) मुंबई उच्च न्यायालय को पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि नागपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कों से कृषि ऋण माफी के लिए आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है।
प्रहार जनशक्ति पार्टी (पीजेपी) के नेता और पूर्व विधायक बच्चू कडू और उनके समर्थक इन सड़कों पर आंदोलन कर रहे थे।
अदालत ने सभी प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए पहले से कदम उठाएं कि सड़क या रेल यातायात में कोई व्यवधान न हो।
उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने यह निर्देश तब दिया जब पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री कडू और उनके समर्थक राज्य सरकार के साथ बातचीत विफल होने की स्थिति में ‘रेल रोको’ आंदोलन की योजना बना रहे हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं पीजेपी के नेता ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कडू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार से राष्ट्रीय राजमार्ग और नागपुर शहर के बाहरी इलाके में अन्य सड़कों पर ‘महा एल्गार मोर्चा’ में हिस्सा लिया था, जिसमें पूर्ण कृषि ऋण माफी की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की अवकाशकालीन पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया था और कडू और उनके समर्थकों को तुरंत राजमार्ग और अन्य सभी सार्वजनिक मार्गों से हटने का निर्देश दिया था।
नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य अवरुद्ध सड़कों पर यातायात शांतिपूर्ण ढंग से बहाल कर दिया गया है।
आयुक्त ने अपने हलफनामे में कहा कि खबरों के अनुसार, कडू ने संबंधित अधिकारियों के साथ वार्ता विफल होने की स्थिति में अब ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है।
आयुक्त ने अदालत से कडू को ऐसा करने से रोकने के लिए आदेश पारित करने की मांग की, क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।
कडू ने कहा है कि वह अपनी मांगों पर चर्चा के लिए बृहस्पतिवार शाम को मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलेंगे।
उनके वकील हरिओम धागे ने अदालत को बताया कि पीजेपी नेता ने ‘‘रेल रोको आंदोलन’’ रद्द करने का निर्णय लिया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि कडू की ओर से एक अच्छा कदम निश्चित रूप से एक उदाहरण स्थापित करेगा।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर चिंतित है।
अदालत ने कहा, ‘‘यदि ऐसी कोई आशंका है कि रेल यातायात की निर्बाध आवाजाही प्रभावित होगी, तो संबंधित विभागों को नोटिस जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’
पीठ ने रेल मंत्रालय, नागपुर में मध्य रेलवे के अधिकारियों, रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस को नोटिस जारी किए।
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘सभी प्राधिकारी - पुलिस विभाग, रेलवे विभाग और स्थानीय प्रशासन - एक टीम के रूप में कार्य करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अप्रिय घटना न घटे और नागरिकों को असुविधा न हो।’’
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करना तय किया।
भाषा
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