राजनाथ और हेगसेथ ने कुआलालंपुर में वार्ता की; रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किये
देवेंद्र रंजन
- 31 Oct 2025, 09:08 PM
- Updated: 09:08 PM
(तस्वीरों सहित)
नयी दिल्ली, 31 अक्टूबर (भाषा) भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को 10 वर्ष के एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक सामंजस्य का ‘‘संकेत’’ बताया, जबकि वाशिंगटन ने एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ ने कुआलालंपुर में व्यापक वार्ता के बाद ‘यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप फ्रेमवर्क’ समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें सभी स्तंभों में रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लगाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं।
यह सिंह और हेगसेथ के बीच पहली बैठक थी, जो विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अमेरिका के अपने समकक्ष मार्को रुबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक के कुछ दिनों बाद हुई।
हेगसेथ के साथ अपनी वार्ता को ‘‘सार्थक’’ बताते हुए सिंह ने कहा कि यह समझौता ‘‘हमारी पहले से ही मजबूत रक्षा साझेदारी में एक नए युग’’ की शुरुआत करेगा।
सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘यह रक्षा ढांचा भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के संपूर्ण आयाम को नीतिगत दिशा प्रदान करेगा। यह हमारे बढ़ते रणनीतिक तालमेल का संकेत है और साझेदारी के एक नए दशक का सूत्रपात करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र हमारे द्विपक्षीय संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ बना रहेगा। हमारी साझेदारी मुक्त, खुला और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’
हेगसेथ ने कहा कि यह समझौता ‘‘हमारी रक्षा साझेदारी को और आगे बढ़ाता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और प्रतिरोध क्षमता का एक आधारस्तंभ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम समन्वय, सूचना साझेदारी और तकनीकी सहयोग को मजबूत कर रहे हैं। हमारे रक्षा संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं।’’
हेगसेथ और राजनाथ कुआलालंपुर में उन देशों के एक समूह की बैठक में शामिल होने पहुंचे हैं, जिसमें आसियान सदस्य देश और उनके कुछ संवाद साझेदार शामिल हैं।
बैठक सार्थक रही और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद आमने-सामने की बैठक हुई।
भारत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सिंह और हेगसेथ ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में जारी गति की सराहना की तथा सभी स्तंभों पर पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने मौजूदा रक्षा मुद्दों और चुनौतियों की समीक्षा की तथा रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी सहयोग पर विचार-विमर्श किया।’’
रक्षा मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हेगसेथ ने दोहराया कि रक्षा सहयोग में भारत अमेरिका के लिए एक प्राथमिकता वाला देश है और वे स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
इसमें कहा गया है कि 2025 की रूपरेखा अगले 10 वर्षों में साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए एक नया अध्याय है तथा इसका उद्देश्य रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण और नीति दिशा प्रदान करना है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में तेजी आई है।
बताया जा रहा है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और अमेरिकी रक्षा कंपनी जीई एयरोस्पेस के बीच भारत में एफ 414 जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए प्रस्तावित सौदे पर भी बातचीत हुई।
लगभग 10 साल पहले, अमेरिका ने भारत को ‘‘प्रमुख रक्षा साझेदार’’ घोषित किया था, जिससे महत्वपूर्ण सैन्य उपकरणों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
सिंह ने मलेशिया के रक्षा मंत्री मोहम्मद खालिद नॉर्डिन के साथ अलग से द्विपक्षीय वार्ता भी की।
भाषा
देवेंद्र