मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस समारोह की थीम ‘उद्योग और रोजगार’ रखी गई: मुख्यमंत्री यादव
राजकुमार पारुल
- 31 Oct 2025, 08:52 PM
- Updated: 08:52 PM
भोपाल, 31 अक्टूबर (भाषा) मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि मध्यप्रदेश अपना स्थापना दिवस ‘उद्योग और रोजगार’ की थीम पर मना रहा है, जो राज्य में सतत विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी की भावना को दर्शाता है।
यादव ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले मध्यप्रदेश ने विकास की एक नयी यात्रा शुरू की है। उसने निवेशकों को अधिक अनुकूल, सरल और सुरक्षित माहौल दिया है। साथ ही वह ‘इनोवेशन हब’ और ‘इनक्यूबेशन नेटवर्क’ स्थापित करके भारत की स्टार्ट-अप क्रांति को गति देने में अहम भूमिका निभा रहा है।”
उन्होंने एक नवंबर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर प्रकाशित लेख में कहा, “उद्योग वर्ष मनाने के साथ-साथ, राज्योत्सव (राज्य उत्सव) की थीम ‘उद्योग और रोजगार’ रखी गई है। यह राज्य में सतत विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी की भावना को दर्शाता है।”
मध्यप्रदेश शनिवार को राज्य के रूप में अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश करेगा।
यादव ने कहा कि एक नवंबर 1956 को स्थापित मध्यप्रदेश ने पिछले दो दशक में विकास की एक नयी यात्रा शुरू की है और एक अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि राज्य उत्सव ‘देवउठनी एकादशी’ के शुभ अवसर पर आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे त्योहार, समारोह और परंपराएं हमारी संस्कृति की नींव हैं। उत्सवों का आनंद भविष्य के निर्माण की भावना को बढ़ावा देता है। राज्य में सभी त्योहार बड़े पैमाने पर मनाए जाते हैं। हमारे त्योहारों का सांस्कृतिक संदर्भ हमें पुराने से नये में बदलने के लिए प्रेरित करता है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से प्रेरणा लेते हुए राज्य अपने निवेश और औद्योगिक विकास पहलों से ठोस नतीजे हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
यादव ने कहा, “मध्यप्रदेश का हर क्षेत्र विविधता से भरपूर है और इसकी अपनी अनूठी विशेषताएं, क्षमताएं एवं दक्षताएं हैं, जो असीमित क्षमता प्रदान करती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने क्षेत्रीय निवेशक शिखर सम्मेलन शुरू किया।”
उन्होंने कहा, “कारोबार को आसान बनाने और निवेशकों के साथ सीधे बातचीत करने के लिए, हमने मार्च 2024 में उज्जैन से निवेश यात्रा शुरू की और बाद में इसे जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान तथा दुबई तक बढ़ाया।”
यादव ने कहा कि विभिन्न सम्मेलन और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रोडशो के जरिये मध्यप्रदेश में निवेश कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने दावा किया कि पिछले एक साल में राज्य ने औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक मील के पत्थर हासिल किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ (जो फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित हुआ था) में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने राज्य में निवेश करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
उन्होंने कहा, “मिनरल कॉन्क्लेव में राज्य को 56,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले, जो नीतियों में स्पष्टता और प्रबंधन सरलीकरण को दिखाता है। आईटी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण इकाई और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी निवेश आमंत्रित किया गया है।”
यादव ने कहा कि राज्य बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जहां निवेश, नवाचार और रोजगार इसकी विकास यात्रा के मुख्य आधार हैं।
दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले यादव ने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में राज्य ने उद्योग, कृषि, डेयरी उत्पाद, पर्यावरण, ऊर्जा और समाजिक सशक्तीकरण के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश जंगलों, पानी, खनिजों, शिल्प, कला, संस्कृति, त्योहारों और परंपराओं से समृद्ध है।
यादव ने कहा, “राज्य को मां नर्मदा, चंबल, पार्वती और क्षिप्रा नदियों की निकटता और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त है। यह भगवान परशुराम की जन्मभूमि, भगवान कृष्ण की शिक्षा का स्थान और आदि शंकराचार्य की तपस्या का स्थल है।”
उन्होंने कहा, “मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने (अपने वनवास के दौरान) चित्रकूट में लंबा समय बिताया। मध्यप्रदेश नल, भर्तृहरि और विक्रमादित्य जैसे प्रसिद्ध राजाओं की भी जन्मभूमि है। वह सम्राट विक्रमादित्य ही थे, जिन्होंने भारत को शकों के आतंक से मुक्त कराया था। दुनिया का पहला वैज्ञानिक कैलेंडर ‘विक्रम संवत’ उज्जैन में शुरू हुआ था।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में अपना योगदान दे रहा है।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने एक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।”
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