सेनगोट्टैयन स्वार्थी हो गए हैं: अन्नाद्रमुक नेता उदयकुमार
संतोष नरेश वैभव
- 02 Nov 2025, 09:48 PM
- Updated: 09:48 PM
चेन्नई, दो नवंबर (भाषा) अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता आर बी उदयकुमार ने निष्कासित नेता और पूर्व मंत्री के ए सेनगोट्टैयन पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के प्रयास में वह ‘‘असंगत और स्वार्थी’’ हो गए हैं।
उदयकुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘शुरू में उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाता है तो उन्हें खुशी होगी। अब वह साक्षात्कारों में दावा कर रहे हैं कि इस फैसले से वह स्तब्ध हैं और उनकी नींद उड़ गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह कानूनी लड़ाई लड़ने की योजना बना रहे हैं।’’
यह बयान उन्होंने अपने सोशल मीडिया मंच पर भी साझा किया। विपक्ष के उपनेता के अनुसार, ‘‘अब पोल खुल चुकी है। सेनगोट्टैयन अपने असफल राजनीतिक करियर को बचाने के लिए बेतहाशा कोशिश करते हुए स्वार्थ के सभी लक्षण दिखा रहे हैं। कानूनी चुनौतियों सहित उनके वर्तमान (राजनीतिक) हथकंडे पूरी तरह से स्वार्थ से प्रेरित हैं और लंबे समय में सफल नहीं होंगे।’’
उदयकुमार ने कहा कि जो लोग ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के महासचिव और नेता प्रतिपक्ष एडप्पादी के. पलानीस्वामी पर भरोसा करते हैं, वे कभी असफल नहीं होते, ठीक वैसे ही जैसे पूर्व नेताओं एम जी रामचंद्रन और जे जयललिता पर भरोसा करने वाले कभी असफल नहीं हुए।
उदयकुमार ने कहा, ‘‘सेनगोट्टैयन के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर अब जो एक-दो निंदा या समर्थन की आवाजें उठ रही हैं, वे निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा या सफलता की गारंटी नहीं देंगी-यह कार्यकर्ताओं की राय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आप (सेनगोट्टैयन) अब शरण लेने चले गए हैं, लेकिन मैं आपको उस इतिहास की याद दिलाता हूं जिसे आप जानते, समझते और महसूस करते हैं: वे अपनी राजनीतिक सफलता के लिए किसी भी समय और किसी भी तरह से आपकी बलि देने से नहीं हिचकिचाएंगे।’’
सेनगोट्टैयन ने एक नवंबर को पलानीस्वामी पर पलटवार करते हुए उन पर ‘असली गद्दार’ होने का आरोप लगाया और कोडनाड हत्या मामले में उनकी कथित चुप्पी पर सवाल उठाया।
सेनगोट्टैयन द्वारा पार्टी से अपदस्थ नेताओं ओ पन्नीरसेल्वम, टी टी वी दिनाकरन और वी के शशिकला के साथ एकता प्रदर्शित करने के बाद, 31 अक्टूबर को पलानीस्वामी द्वारा उनके खिलाफ त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई थी।
भाषा संतोष नरेश