तमिलनाडु : स्टालिन की अगुवाई में हुई बैठक में एसआईआर के खिलाफ न्यायालय जाने का फैसला
धीरज वैभव
- 02 Nov 2025, 10:07 PM
- Updated: 10:07 PM
चेन्नई, दो नवंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम़ के. स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनकी अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल पार्टियों ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का प्रस्ताव पारित किया है।
राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि चूंकि निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु में एसआईआर 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद कराने के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है, इसलिए उच्चतम न्यायालय का रुख करने का निर्णय लिया गया है।
तमिलनाडु में अप्रैल 2026 तक विधानसभा चुनाव होने हैं।
मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा,‘‘चूंकि निर्वाचन आयोग ने 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद पर्याप्त समय देकर बिना किसी भ्रम और संदेह के मतदाता सूची में संशोधन करने के लिए एसआईआर कराने के हमारे अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है, इसलिए हमने आज की बैठक में उच्चतम न्यायालय का रुख करने का प्रस्ताव पारित किया।’’
उन्होंने कहा कि सभी दलों का यह कर्तव्य है कि वे एसआईआर को जल्दबाजी में लागू करने का विरोध करें क्योंकि इसका उद्देश्य ‘‘लोकतंत्र की हत्या करना और तमिलनाडु के लोगों का मताधिकार छीनना’’ है।
स्टालिन ने बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी दलों को धन्यवाद दिया। उन्होंने साथ ही बैठक में भाग नहीं लेने वाले अन्य दलों से एसआईआर पर चर्चा करने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए कदम उठाने की अपील की।
मुख्य विपक्षी दल ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और अभिनय से राजनीति में आए विजय की पार्टी तमिझगा वेत्री कषगम (टीवीके) ने एसआईआर मुद्दे पर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा।
द्रमुक प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि यह बिना किसी राजनीतिक मंशा के आयोजित बैठक थी और इसका उद्देश्य लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करना था।
उन्होंने लोगों के वोट देने के अधिकार पर खतरे का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे खतरों को विफल करना लोकतांत्रिक ताकतों का कर्तव्य है।
स्टालिन ने कहा कि वह किसी भी सुधार के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया में लोगों के वोट देने के अधिकार को छीनने का खतरा है और ऐसा बिहार में हुआ तथा यही अभियान तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा।
स्टालिन ने कहा कि संशोधनों को दबावमुक्त माहौल में करने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में चुनाव से कुछ महीने पहले इसे लाना, मतदाता सूची से असली मतदाताओं के नाम हटाने की एक चाल है।
द्रमुक प्रमुख ने आरोप लगाया, ‘‘बिहार में यही किया गया है, अब वे अन्य राज्यों में भी ऐसा करने का इरादा रखते हैं और इसीलिए हम इसका विरोध करते हैं।’’
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आयोजित बैठक में पारित प्रस्ताव में निर्वाचन आयोग की निंदा करते हुए कहा गया कि वह ‘‘केंद्र सरकार की कठपुतली और तानाशाही प्रवृत्ति के साथ काम कर रहा है, जबकि देश के अधिकांश राजनीतिक दल शुरू से ही इसका विरोध कर रहे हैं।’’
प्रस्ताव में कहा गया कि बिहार राज्य का एसआईआर का मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है, विशेषकर ऐसे समय में जब उस मामले में अंतिम फैसला नहीं सुनाया गया है, तथा तमिलनाडु में चुनाव होने में कुछ ही महीने बचे हैं, निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर (दूसरा चरण) शुरू करना अस्वीकार्य है।
प्रस्ताव में कहा गया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बिहार में हुई किसी भी अनियमितता को सुधारे बिना तमिलनाडु सहित 12 राज्यों में एसआईआर योजना को लागू करना, लोगों के मताधिकार को छीनना और ‘‘लोकतंत्र को पूरी तरह से दफनाने के लिए कब्र खोदना’’ है।
इसमें कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 169 के अनुसार, मतदाता सूची संशोधन केवल केंद्र सरकार के राजपत्र में औपचारिक अधिसूचना प्रकाशित करके ही किया जाना चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया कि निर्वाचन आयोग द्वारा उक्त प्रक्रिया का पालन किए बिना एकतरफा अधिसूचना जारी करना संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के विरुद्ध है।
स्टालिन के नेतृत्व में हुई बैठक में उनकी पार्टी द्रमुक के अलावा कांग्रेस, मरुमलारची द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एमडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), वामपंथी दलों, कमल हासन के नेतृत्व वाली मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची और तमिलागा वाझ्वुरिमई काची सहित राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सहयोगियों ने हिस्सा लिया।
बैठक में देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कषगम (डीएमडीके) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) तथा द्रमुक के वैचारिक मूल संगठन द्रविड़ार कषगम (डीके) सहित मित्र दलों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
भाषा धीरज