महाराष्ट्र में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के बाद स्थानीय निकाय चुनाव कराया जाए : उद्धव
सुभाष नरेश
- 03 Nov 2025, 05:06 PM
- Updated: 05:06 PM
मुंबई , तीन नवंबर (भाषा) शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव मतदाता सूची को दुरूस्त करने के बाद ही कराया जाए।
उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ के आरोप को भी खारिज कर दिया और कहा कि शिवसेना (उबाठा) और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने धर्म के आधार पर किसी फर्जी मतदाता का ज़िक्र नहीं किया है।
ठाकरे ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार ‘जेन जेड’ से डरे हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि जो लोग एक जुलाई के बाद 18 साल के होंगे, उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा क्योंकि निर्वाचन आयोग ने आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में मतदान करने का पात्र होने के लिए एक जुलाई की ‘कट ऑफ’ तारीख तय की है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची में गलतियों को ठीक करना चाहिए, जिसमें डुप्लीकेट और फर्जी नाम शामिल हैं। न तो शिवसेना (उबाठा) और न ही किसी दूसरी विपक्षी पार्टी ने धर्म के आधार पर किसी फर्जी मतदाता का ज़िक्र किया है। हम चुनाव का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम चाहते हैं कि चुनाव तभी हों जब मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी न रहे।’’
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे शिवसेना (उबाठा) के नजदीकी कार्यालय में जाकर यह पता करें कि उनके नाम मतदाता सूची में सही रूप में दर्ज हैं या नहीं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम मतदाताओं की सुविधा के लिए सेंटर खोल रहे हैं। लोगों को यह जांच करनी चाहिए कि वे अपने मतदान केंद्र पर वोट दे सकते हैं या नहीं, ताकि हमें पता चल सके कि कितने युवाओं को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।’’
भाजपा नेता आशीष शेलार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि मंत्री ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों को स्वीकार न करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अनजाने में ‘‘महाराष्ट्र का पप्पू’’ कहकर ‘‘हिम्मत दिखाई है।’’
ठाकरे ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर भाजपा के अंदर फूट पड़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि शेलार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर भाजपा मतदाता सूची को त्रुटि रहित करने की मांग कर रही है, तो उन्हें अपनी मांगों के साथ हमारे (विपक्षी पार्टियों) साथ निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग का रुख करना चाहिए था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने धर्म के आधार पर मतदाता सूची में सुधार के लिए नहीं कहा है। हम इसमें सुधार के लिए अदालत जाएंगे। अगर शेलार मानते हैं कि सूची में समस्याएं हैं, तो भाजपा को भी इस मामले में पक्षकार बनना चाहिए।’’
महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं।
शेलार ने कहा था कि हिंदू मतदाताओं की कई प्रविष्टियां दिखाकर वे हिंदू-मुस्लिम बंटवारे के बीज बो रहे हैं, और उन्होंने सवाल किया था कि दोनों ने दूसरे समुदाय के मतदाताओं का नाम लेने से परहेज क्यों किया।
ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के सक्षम ऐप और उसके सर्वर को लेकर भी चिंता जताई, और दावा किया कि गड़बड़ियों के कारण असली मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जा सकते हैं।
ठाकरे ने कहा, ‘‘हम निर्वाचन आयोग की भ्रष्ट हरकतों का पर्दाफाश कर रहे हैं। अगर आपके पते पर ऐसे मतदाता पंजीकृत हैं जो वहां के नहीं हैं, तो कृपया उनके बारे में बताएं। शिवसेना (उबाठा) और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने चुनाव होने से पहले डुप्लीकेट और फर्जी प्रविष्टियों को ठीक करवाने के लिए अदालत जाने का फैसला किया है।’’
उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग को राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराने का निर्देश दिया है।
भाषा सुभाष