निर्वाचन आयोग भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रहा : अभिषेक बनर्जी
धीरज अविनाश
- 03 Nov 2025, 10:29 PM
- Updated: 10:29 PM
कोलकाता, तीन नवंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को धमकी दिए जाने की शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहा है।
तृणमूल कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया है।
बनर्जी ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भाजपा का सहयोगी बन गया है।
तृणमूल सांसद कोलकाता नगर निगम के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी और उनकी मित्र बैसाखी बनर्जी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘पश्चिम बंगाल में छह लोगों की इस डर से मौत हो गई कि एसआईआर के दौरान उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। निर्वाचन आयोग और भाजपा निर्वासन के बारे में लोगों में भय और अनिश्चितता पैदा करके वास्तविक नागरिकों को मौत के कगार पर धकेलने के लिए जिम्मेदार हैं।’’
बनर्जी ने कहा, ‘‘कई भाजपा नेताओं ने उन बीएलओ को धमकियां दी हैं जिन्हें निर्वाचन आयोग के अधीन काम करने वाले सरकारी कर्मियों के रूप में अपना कर्तव्य निभाना होता है। हमने उनके खिलाफ निर्वाचन आयोग से शिकायत की है और उनके बयानों की क्लिपिंग भी संलग्न की है। लेकिन निर्वाचन आयोग ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे को सत्तारूढ़ दल में दूसरा शीर्ष नेता माना जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग भाजपा का सहयोगी बन गया है और लोगों का उसकी निष्पक्षता पर से भरोसा उठ रहा है।
बनर्जी ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वे बीएलओ से अपील करेंगे कि यदि उन्हें एसआईआर के लिए इलाके का दौरा करने के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो वे निर्वाचन आयोग के अलावा राज्य प्रशासन से भी संपर्क करें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में दिये एक साक्षात्कार में कथित तौर पर कहा था कि जो लोग भारत में पैदा नहीं हुए हैं, उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होगा। उनके बयान का जिक्र करते हुए बनर्जी ने भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर को लेकर सवाल किया।
तृणमूल नेता कहा, ‘‘क्या आडवाणी और ठाकुर को अवैध प्रवासी करार दिया जाएगा? इस तर्क से तो पूरा मतुआ समुदाय, जिसे भाजपा ने नागरिकता के झूठे वादों के साथ बेशर्मी से बरगलाने की कोशिश की थी, सभी विदेशी हैं।’’
हिंदू शरणार्थी समुदाय मतुआ के कई सदस्य, दशकों से बांग्लादेश से पलायन कर रहे हैं। इनमें से कई बिना किसी उचित दस्तावेज के भारत में आए हैं। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा इस समुदाय का समर्थन प्राप्त करने के लिए लगातार कोशिश कर रही हैं।
बनर्जी ने दावा किया, ‘‘यहां तक कि भाजपा नेता भी मतुआ समुदाय के सदस्यों को मताधिकार से वंचित करने के प्रयास का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे स्थिति को देख सकते हैं। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर अपने रिश्तेदार और अपनी ही पार्टी के विधायक सुब्रत ठाकुर को समझाने में सक्षम नहीं हैं, जो शाह की इस खतरनाक योजना को समझ सकते हैं।’’
शांतनु ठाकुर और सुब्रत ठाकुर दोनों मतुआ समुदाय से हैं।
तृणमूल नेता ने कहा, ‘‘बंगाल के हर व्यक्ति को इस खतरनाक खेल को समझना होगा। भाजपा का अंतिम लक्ष्य बंगाल में लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित करना और उन्हें अवैध बनाना है। जैसा कि हमने बार-बार कहा है, एसआईआर पिछले दरवाजे से एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) है।’’
उन्होंने कहा कि यदि किसी नागरिक को लगता है कि एसआईआर के दौरान उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है तो तृणमूल कांग्रेस उसे कानूनी सहायता प्रदान करेगी।
डायमंड हार्बर के सांसद ने लोगों से भाजपा द्वारा आयोजित सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) शिविरों में न जाने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि असम में बंगालियों को भी ऐसी ही स्थिति में निरुद्ध शिविरों में भेज दिया गया था।
बनर्जी ने कहा, ‘‘अमित शाह को यह आश्वासन देना चाहिए कि शिविरों में आने लेने वालों को नागरिकता दी जाएगी। हमने हर निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी परेशान नागरिक की सहायता के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि यदि एक भी पात्र मतदाता का नाम सूची से हटा तो तृणमूल कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी।
बनर्जी ने भारतीय नागरिक सोनाली खातून को निर्वासित करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि खातून को बांग्लादेशी करार दिया गया था, जबकि उसके माता-पिता का नाम बीरभूम जिले के मुरारई निर्वाचन क्षेत्र की 2002 की मतदाता सूची में दर्ज है।
भाषा धीरज