पीडब्ल्यूडी दिल्ली के तीन प्रदूषण ‘हॉटस्पॉट’ पर धुंध छिड़काव प्रणाली लगाएगी
सुरभि नरेश
- 04 Nov 2025, 03:50 PM
- Updated: 03:50 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) दिल्ली के शीर्ष 13 प्रदूषण ‘हॉटस्पॉट’ (सबसे अधिक प्रदूषण स्तर वाले स्थान) में शामिल नरेला, बवाना और जहांगीरपुरी क्षेत्रों के पास तीन सड़क मार्गों पर स्वचालित धुंध छिड़काव प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले सड़कों पर धूल कम करने की उम्मीद के साथ नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) क्षेत्रों में भी इसी तरह की परियोजनाएं शुरू की जा चुकी हैं। सड़कों पर जमी धूल को वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है।
एक पीडब्ल्यूडी अधिकारी ने कहा, ‘‘पीडब्ल्यूडी अब दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) नरेला के पास शाहपुर गढ़ी, पूठ खुर्द के पास डीएसआईआईडीसी बवाना और जहांगीरपुरी क्षेत्र में इन प्रणालियों (मिस्ट स्प्रेइंग सिस्टम) की स्थापना के साथ अपनी तीसरी परियोजना शुरू करेगा।’’
इन सड़कों पर दोनों तरफ की लेन के मध्य में धुंध छिड़काव प्रणाली लगाई जाएगी। अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए निविदाएं जारी कर दी गई हैं।
ये प्रणाली सड़कों पर धूल को कम करने के लिए ‘आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस)-शोधित’ पानी का छिड़काव करेंगी जिसकी कुल क्षमता 2,000 लीटर प्रति घंटा होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की लागत चार करोड़ रुपये है, जिसमें पांच वर्षों तक संचालन और रखरखाव शामिल है।
निविदा के अनुसार यह प्रणाली एक ‘आरओ वॉटर पंपिंग यूनिट’ द्वारा संचालित होगी और उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निविदा दस्तावेज में सुरक्षा गार्ड की तैनाती का भी उल्लेख है।
निविदा में कहा गया है, ‘‘धुंध छिड़काव प्रणाली दो शिफ्ट में सुबह छह बजे से अपराह्न दो बजे तक और अपराह्न दो बजे से रात 10 बजे तक काम करेगी।’’
यह पहल मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा मार्च में दिए गए उस निर्देश के बाद की गई है जिसमें वायु गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए पूरे वर्ष ‘स्प्रिंकलर’ और ‘स्मॉग गन’ लगाने का निर्देश दिया गया था।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जून में लोधी रोड पर स्थापित इसी तरह की एक स्वचालित ‘मिस्टिंग’ प्रणाली का वहां जाकर निरीक्षण किया था।
अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की प्रणालियां धूल कणों को कम करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए डिजाइन की गई हैं।
वर्तमान में उच्च दबाव वाले ‘मिस्ट स्प्रेयर’ न केवल मध्य दिल्ली में बल्कि द्वारका में डीडीए के अधीन रखरखाव वाली सड़कों पर भी चालू हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी के प्रदूषण-विरोधी प्रयासों का विस्तार मध्य और दूरस्थ दोनों क्षेत्रों में हुआ है।
भाषा सुरभि