दिल्ली: साइबर अपराधियों को खाते मुहैया कराने के आरोप में राजस्थान से दो लोग गिरफ्तार
राखी दिलीप
- 14 Nov 2025, 08:56 PM
- Updated: 08:56 PM
नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) दिल्ली में ऑनलाइन नौकरी घोटाले के जरिए शहर के एक निवासी से 49,000 रुपये की ठगी करने के आरोप में एक साइबर सिंडिकेट से कथित तौर पर जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों की पहचान हितेश कुमार (19) और नितेश मेहला (23) के रूप में हुई है। अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों को राजस्थान के झुंझुनू जिले से गिरफ्तार किया गया, जब जांच में पता चला कि यह दोनों साइबर धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को अंतरित करने के लिए इस्तेमाल किए गए ‘म्यूल बैंक खातों’ को उपलब्ध कराने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे।
उप-निरीक्षक (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि गांधी नगर के आनंद गोयल ने 24 अक्टूबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें एक पार्ट-टाइम ऑनलाइन नौकरी की पेशकश करके धोखा दिया गया, जिसमें प्रारंभ में उन्हें यूट्यूब चैनलों को सब्सक्राइब करने के लिए कहा गया था।
गौतम ने बताया कि प्रारंभिक कार्यों के लिए छोटे प्रतिफल (रिवार्ड) मिलने के बाद, उन्हें (पीड़ित को) कमीशन-आधारित कार्यों के लिए अग्रिम राशि देने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसमें कुछ ही मिनटों में 30 प्रतिशत मुनाफे का झूठा वादा किया गया था।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने (पीड़ित ने) शुरू में धोखेबाजों को सात हजार रुपये और फिर 42,000 रुपये भेजे, जिनके बाद धोखेबाजों ने 1.2 लाख रुपये और मांग लिए। पुलिस ने बताया कि जब उन्होंने मना किया, तो धोखेबाजों ने संपर्क करना बंद कर दिया।
पुलिस ने बताया कि बैंक और सोशल मीडिया विवरणों के विश्लेषण में पता चला कि धोखाधड़ी की गई राशि में से 42,000 रुपये हितेश कुमार के बैंक खाते में भेजे गए थे और बाद में उसे झुंझुनू से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि उसने नितेश मेहला के निर्देश पर पैसा लेने के बदले यह बैंक खाता खोला था।
पुलिस ने बताया कि झुंझुनू से गिरफ्तार नितेश मेहला कथित तौर पर कई बैंक खाते संचालित करता था और उन्हें कमीशन के बदले साइबर धोखाधड़ी करने वालों को को उपलब्ध कराता था।
पुलिस ने बताया कि दोनों के मोबाइल फोन जब्त किए गए और इन उपकरणों से प्राप्त चैट ने उनकी संलिप्तता की पुष्टि की।
जांच अधिकारियों के अनुसार, यह दोनों बेरोजगार युवकों को कमीशन का वादा कर कई बैंक खाते खोलने के लिए बहकाते थे और बाद में उन्हें 'एन्क्रिप्टेड मंच' के माध्यम से काम करने वाले धोखेबाजों के हवाले कर देते थे।
पुलिस ने बताया कि सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान के लिए आगे की जांच जारी है।
भाषा
राखी