प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आदिवासी समुदाय की उपेक्षा करने का आरोप लगाया
देवेंद्र सुभाष
- 15 Nov 2025, 07:52 PM
- Updated: 07:52 PM
(फोटो के साथ)
डेडियापाड़ा (गुजरात), 15 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आदिवासियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में बहुत बड़ा योगदान दिया है, लेकिन कांग्रेस ने कभी उनके योगदान को मान्यता नहीं दी और अपने 60 साल के शासन के दौरान इस समुदाय की उपेक्षा की।
मोदी ने कहा कि आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को नजरअंदाज किया गया ताकि इसका श्रेय ‘‘कुछ परिवारों’’ को दिया जा सके।
प्रधानमंत्री गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा शहर में जनजातीय गौरव दिवस पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन से पहले, प्रधानमंत्री ने 9,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।
मोदी ने कहा, ‘‘जब भी देश के सम्मान, स्वाभिमान और स्वतंत्रता की बात आई, हमारा आदिवासी समुदाय सबसे आगे खड़ा रहा। हमारा स्वतंत्रता संग्राम इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आदिवासी समुदाय से अनगिनत स्वतंत्रता सेनानी निकले और उन्होंने आजादी की मशाल को आगे बढ़ाया।’’
गुजरात के गोविंद गुरु, रूपसिंह नायक और मोतीलाल तेजावत जैसे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के अनगिनत अध्याय आदिवासी गौरव और वीरता के उदाहरणों से भरे पड़े हैं।
मोदी ने दावा किया कि आदिवासी समुदाय ने आजादी के लिए अपना खून बहाया, लेकिन उनके योगदान को नजरअंदाज कर दिया गया, ताकि इसका श्रेय ‘‘कुछ परिवारों’’ को दिया जा सके।
उन्होंने कहा, ‘‘हम स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समुदायों के योगदान को नहीं भूल सकते और यह काम (उसे मान्यता देने का) स्वतंत्रता के बाद किया जाना चाहिए था। लेकिन कुछ परिवारों को स्वतंत्रता का श्रेय देने की खातिर, मेरे आदिवासी भाइयों-बहनों के त्याग और समर्पण को नजरअंदाज कर दिया गया।’’
मोदी ने कहा कि इसी रवैये के कारण 2014 से पहले भगवान बिरसा मुंडा को कोई याद नहीं करता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के जरिये, ‘‘आदिवासी भाइयों-बहनों के साथ हुए अन्याय’’ को याद किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘देश पर छह दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी ने आदिवासियों को उनके हाल पर छोड़ दिया। हालांकि, आदिवासी कुपोषण और स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कनेक्टिविटी की कमी जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस सरकारें निष्क्रिय रहीं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आदिवासी भी भगवान राम से जुड़े हुए हैं। वे उस युग से आते हैं। लेकिन जिन लोगों ने छह दशकों तक शासन किया, उन्हें यह एहसास नहीं हुआ कि इतने बड़े आदिवासी समुदाय के विकास के लिए कुछ करने की आवश्यकता है। आदिवासी कल्याण भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमने इस अन्याय को समाप्त करने का संकल्प लिया है।’’
मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं भाजपा के दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने ही केंद्र में आदिवासी समुदाय के लिए अलग मंत्रालय की स्थापना की थी।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन वाजपेयी के बाद जब कांग्रेस सत्ता में वापस आई तो उन्होंने अगले 10 वर्षों तक आदिवासी समुदाय की उपेक्षा की और इसे पूरी तरह से भूल गए।’’
मैरी कॉम, दुती चंद और बाइचुंग भूटिया जैसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आदिवासी युवाओं ने वैश्विक मंच पर भारत को गौरव दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इसी तरह, हर बड़ी प्रतियोगिता में आदिवासी क्षेत्रों से नए खिलाड़ी उभर रहे हैं। हाल में, भारत की क्रिकेट टीम ने महिला विश्व कप जीता, और हमारे आदिवासी समुदाय की एक बेटी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारी सरकार आदिवासी क्षेत्रों में नयी प्रतिभाओं की खोज और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर काम कर रही है।’’
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार वंचितों को समान अवसर प्रदान करने के दृष्टिकोण के साथ काम करती है। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने देश में आदर्श आदिवासी स्कूलों के निर्माण पर 18,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान की गई हैं और इसके परिणामस्वरूप, इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले आदिवासी बच्चों की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’
इससे पहले, प्रधानमंत्री ने जनजातीय समुदायों के उत्थान और क्षेत्र के ग्रामीण एवं दूरदराज के इलाकों में बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया।
मोदी प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जगुआ) के तहत निर्मित 1,00,000 घरों के लिए ‘गृह प्रवेश’ समारोह में भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने जनजातीय छात्रों के लिए लगभग 1,900 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 42 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का भी उद्घाटन किया।
इसके अलावा, मोदी ने गुजरात के 14 जनजातीय जिलों के लिए 250 बसों को हरी झंडी दिखाई, जनजातीय क्षेत्रों में 748 किलोमीटर नयी सड़कों और सामुदायिक केंद्रों के रूप में काम करने के लिए 14 जनजातीय बहु-विपणन केंद्रों की आधारशिला रखी।
उन्होंने 2,320 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित होने वाले 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला भी रखी।
इससे पहले दिन में, मोदी ने गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के देवमोगरा गांव स्थित एक मंदिर में आदिवासी समुदाय की देवी पंडोरी माता की पूजा-अर्चना की।
भाषा देवेंद्र