राजस्थान के सिरोही में गुप्त प्रयोगशाला का भंडाफोड़, मेफेड्रोन बनाने से संबंधित रसायन जब्त किए
तान्या संतोष
- 15 Nov 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और राजस्थान पुलिस ने राजस्थान के सिरोही जिले के एक दूरदराज के गांव में एक गुप्त प्रयोगशाला का भंडाफोड़ किया है। माना जा रहा है कि इस प्रयोगशाला का इस्तेमाल कथित तौर पर ‘मेफेड्रोन’ (कृत्रिम मादक पदार्थ) बनाने के लिए किया जाता था।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सैकड़ों किलोग्राम वजन के रसायन जब्त किए गए हैं जो लगभग 100 किलोग्राम मेफेड्रोन बनाने के लिए पर्याप्त थे, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 40 करोड़ रुपये है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि गिरोह के कथित सरगना और चार अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मेफेड्रोन का उपयोग मादक पदार्थ के रूप में तेजी से किया जा रहा है।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में भारत सरकार 'नशा मुक्त भारत' बनाने के लिए मादक पदार्थ गिरोहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रही है।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) जिला पुलिस को संवेदनशील बनाने के लिए विशेष रूप से राजस्थान में, जिला स्तरीय मासिक एनसीओआरडी बैठकों के तंत्र का उपयोग कर रहा है।
पुलिस को इस मुद्दे के बारे में जागरूक किया गया और उसे निर्देश दिया गया कि वे असामान्य स्थानों पर रसायनों और प्रयोगशाला उपकरणों से भरे ड्रमों की उपस्थिति की सूचना एनसीबी के स्थानीय कार्यालय को दें, क्योंकि ऐसे स्थानों का उपयोग मेफेड्रोन जैसे कृत्रिम पदार्थों के निर्माण के लिए गुप्त सुविधा के रूप में किया जा सकता है।
ऐसे ही एक मामले में, राजस्थान के सिरोही में पुलिस को छह नवंबर को जिले के दांतराई गांव में एक दूरदराज के फार्महाउस में प्रयोगशाला उपकरणों के साथ-साथ रसायनों से भरे ड्रम और पैकेट मिले।
पुलिस ने जोधपुर एनसीबी के साथ जानकारी साझा की, जिसके बाद अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें एक गुप्त प्रयोगशाला के संकेत मिले।
राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू), गांधीनगर की एक टीम को निरीक्षण के लिए बुलाया गया, जिसने घटनास्थल से जब्त किए गए प्रयोगशाला उपकरणों में कृत्रिम पदार्थ बनाने में प्रयुक्त होने वाले तत्वों की उपस्थिति की पुष्टि की।
जांच के दौरान, प्रयोगशाला चलाने के पीछे के मुख्य किरदारों की पहचान की गई, जिनमें से पांच को राजस्थान पुलिस की सहायता से एनसीबी ने राजस्थान और गुजरात के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार लोगों में सरगना वाला राम भी शामिल है। पूछताछ के दौरान, राम ने खुलासा किया कि सिविल सेवा सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद, उसने जल्दी पैसा कमाने के लिए मेफेड्रोन बनाने का फैसला किया।
भाषा तान्या