भाजपा ने कांग्रेस के ‘एसआईआर’ संबंधी दावे को खारिज किया, कहा- जनता ने महागठबंधन को सजा दी
नेत्रपाल सुभाष
- 15 Nov 2025, 08:37 PM
- Updated: 08:37 PM
नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) भाजपा ने बिहार में महागठबंधन की करारी हार के लिए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को जिम्मेदार ठहराने पर शनिवार को कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि लोगों ने देश को बदनाम करने तथा जाति एवं धर्म के आधार पर समाज में विभाजन पैदा करने को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन को ‘‘दंडित’’ किया है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रचंड जीत के बाद, कांग्रेस ने “बड़े पैमाने पर वोट चोरी” का शुक्रवार को आरोप लगाया और पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कहा कि “हम एक ऐसे चुनाव में जीत हासिल नहीं कर सके जो शुरू से ही निष्पक्ष नहीं था”।
गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन चुनाव परिणामों की गहन समीक्षा करेंगे तथा लोकतंत्र को बचाने के लिए और अधिक प्रयास करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राजग को स्पष्ट जनादेश देकर बिहार के लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे आजीविका, समृद्धि और विकास चाहते हैं, न कि विपक्ष का ‘‘जंगलराज, माफिया और मुस्लिम लीग तथा नक्सलियों की राजनीति’’।
बिहार में विपक्ष द्वारा अपनी चुनावी हार के लिए एसआईआर को जिम्मेदार ठहराये जाने के के बारे में पूछे जाने पर चुघ ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘लोगों ने आपको (विपक्षी गठबंधन) आपके राष्ट्र-विरोधी कुकृत्यों की सज़ा दी है। लोगों ने आपको देश के ख़िलाफ़ बोलने, देश को बदनाम करने और देश को सांप्रदायिक एवं जातिगत आधार पर बांटने की सज़ा दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार का जनादेश ‘इंडी’ गठबंधन के लिए सजा है।’’
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि राजग को मिले ‘‘प्रचंड’’ जनादेश से लोगों ने संदेश दिया है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की ‘‘नीति एवं नीयत’’ पर अटूट भरोसा है।
राजग के दो मुख्य घटक दलों, भाजपा और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार में लगभग 85 प्रतिशत ‘स्ट्राइक रेट’ के साथ जीत दर्ज की। दोनों दलों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
भाजपा ने 89 सीट जीतीं, जो 2020 में उसे मिली 74 सीट से अधिक हैं। वहीं, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जद(यू) के खाते में 85 सीट गईं, जो उसे पिछली बार मिली 43 सीटों से लगभग दोगुनी हैं।
तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को इस बार भारी नुकसान हुआ और केवल 25 सीट प्राप्त हुईं, जबकि 2020 में उसे 75 सीट मिली थीं। कांग्रेस का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा। इसने 61 सीट पर चुनाव लड़ा लेकिन सिर्फ छह सीट ही जीत पाई जबकि 2020 में इसे 19 सीट मिली थीं।
भाषा नेत्रपाल