ढाका में भारी सुरक्षा, सड़कों पर सन्नाटा; हसीना के खिलाफ फैसले से पहले तनावपूर्ण माहौल
गोला
- 17 Nov 2025, 12:11 PM
- Updated: 12:11 PM
(इंट्रो में सुधार के साथ)
ढाका, 17 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध से जुड़े एक मामले में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के फैसले से पहले सोमवार को राजधानी ढाका सहित पूरे देश में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।
सामान्य दिनों में सुबह के समय यातायात जाम से जूझने वाली ढाका की सड़कें सोमवार को लगभग खाली रहीं। कुछेक कार और रिक्शे ही कड़ी निगरानी वाले चौराहों से गुजरते दिखाई दिए।
यह स्थिति एक रात पहले हुए छिटपुट आगजनी और देसी बम हमलों के बाद है। अज्ञात हमलावरों ने एक थाने के एक हिस्से में आग लगा दी और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के एक सलाहकार के आवास के बाहर दो देसी बम विस्फोट किए। ढाका के कई प्रमुख चौराहों से भी धमाकों की खबरें आयीं।
रंगपुर, चटगांव और अन्य शहरों से भी इसी तरह की स्थिति की सूचना मिली, जहां भीड़ कम थी। सुरक्षा बलों ने गश्त तेज कर दी है।
भंग हो चुकी हसीना की पार्टी अवामी लीग द्वारा दो दिवसीय बंद के आह्वान के बाद किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए अधिकारियों ने सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस को सख्त चौकसी पर रखा है।
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) परिसर, सचिवालय, उच्चतम न्यायालय परिसर, प्रधानमंत्री कार्यालय और राजनयिक क्षेत्र के आसपास सुरक्षा बलों की गश्त कड़ी कर दी गई है।
मुख्य मार्गों पर बख्तरबंद वाहन, पानी की बौछारों के लिए वाहन (वाटर कैनन) और रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) तथा पुलिस की दंगा-नियंत्रण टीम तैनात की गई हैं। शहर में आवाजाही की निगरानी के लिए कई जगह नाके भी स्थापित किए गए हैं।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने अपने कर्मियों को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की अनुमति दे दी है।
डीएमपी आयुक्त एस एम सज्जात अली ने रविवार देर रात कहा, “जो कोई भी बस में आग लगाएगा या बम फेंकेगा, उसे गोली मारी जानी चाहिए।”
अभियोजन पक्ष ने 78 वर्षीय हसीना के लिए मृत्युदंड की मांग की है।
ढाका में 10 नवंबर के बाद से कई हमले हुए हैं, जिनमें यूनुस द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक के मीरपुर मुख्यालय के बाहर देसी बम विस्फोट शामिल हैं। इसकी शाखाओं पर भी पेट्रोल बम हमले और आगजनी की घटनाएं हुईं। पिछले सप्ताह हमलावरों द्वारा खड़ी बसों में आग लगाने से एक बस चालक की मौत हो गई थी।
हसीना इस समय भारत में हैं। उनकी गैरहाजिरी में पूर्व गृहमंत्री असदुज्जामान खान कमाल के साथ मुकदमे की सुनवाई हुई। पूर्व पुलिस प्रमुख अब्दुल्लाह अल मामून अदालत में पेश हुए और सजा में नरमी की उम्मीद में सरकारी गवाह बन गए।
अभियोजक गाजी एम एच तामिम ने कहा कि सरकार ने अधिकतम सजा और आरोपियों की संपत्ति जब्त कर पीड़ित परिवारों में बांटने की मांग की है।
आईसीटी-बीडी के नियमों के अनुसार हसीना फैसला आने के 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने या गिरफ्तार होने पर ही अपीलीय प्रभाग में अपील कर सकती हैं।
अवामी लीग के फेसबुक पेज पर अपलोड एक ऑडियो संदेश में हसीना ने आरोपों को खारिज कर समर्थकों से चिंता न करने की अपील की और कहा कि “यह सिर्फ समय की बात है।”
हसीना और उनके दो सहयोगियों पर पिछले वर्ष हुए ‘जुलाई विद्रोह’ से जुड़े कथित मानवता-विरोधी अपराधों जैसे हत्या, हत्या के प्रयास, यातना, निहत्थे छात्र प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग, घातक हथियार तैनात करने के आदेश और रंगपुर व ढाका में हत्याओं का आरोप है।
हसीना ने सभी आरोपों को “पूरी तरह से झूठा” बताया है।
भाषा मनीषा