संभल प्रशासन ने 24 नवंबर से पहले सुरक्षा व्यवस्था चौकस की: जिलाधिकारी
सं आनन्द खारी
- 17 Nov 2025, 05:14 PM
- Updated: 05:14 PM
संभल (उप्र), 17 नवंबर (भाषा) संभल में पिछले वर्ष 24 नवंबर को हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत कर दिया है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
हिंदू पक्ष के कुछ समूहों का दावा है कि संभल स्थित मुगलकालीन जामा मस्जिद पूर्व में हरिहर मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी। इस मामले को लेकर स्थानीय अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने पिछले वर्ष 19 नवंबर को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया था।
उसी साल 24 नवंबर को दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी और इस दौरान गोलीबारी की घटना में चार लोगों की मौत तथा कई पुलिसकर्मी सहित अनेक लोग घायल हो गए थे।
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि 24 नवंबर को संभावित परिस्थिति को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
इस बीच, हरिहर सेना ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के ‘विवादित स्थल’ के ढाई किलोमीटर क्षेत्र में परिक्रमा करने की घोषणा की है।
हरिहर सेना के संस्थापक एवं कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि ने रविवार को बताया कि संगठन 19 नवंबर को एक दिवसीय ‘हरिहर मंदिर पद यात्रा’ करेगा।
जिलाधिकारी पेंसिया ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऑनलाइन माध्यम से बैठक कर जिले के विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि संभल में सुरक्षा को लेकर मजिस्ट्रेट की तैनाती सहित अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग और धार्मिक मामलों के विभाग को 24 कोसी परिक्रमा मार्ग को सात मीटर चौड़ा बनाने का निर्देश दिया गया है।
इस परियोजना पर लगभग 419 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
उन्होंने बताया कि संभल के 68 तीर्थस्थलों और 19 पवित्र कुओं के लिए कार्य योजनाएं और ‘विजन डॉक्युमेंट’ पहले ही तैयार किए जा चुके हैं। धनराशि मिलने के बाद संबंधित एजेंसियों के माध्यम से काम शुरू कराया जाएगा।
अब तक की प्रगति के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में पेंसिया ने कहा कि बंधन योजना के तहत पर्यटन विभाग से छह करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं और अतिरिक्त 13 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, ‘‘यमगंड तीर्थ परियोजना पूरी हो चुकी है। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत चतुर्मुख ब्रह्म कूप का निर्माण किया गया है। पिशाच मोचन तीर्थ का काम भी पूरा हो जाएगा। हमारा प्रयास है कि सभी चल रहे कार्य अगले वर्ष तक शुरू और पूरे हो जाएं।’’
पुरातात्विक कार्यों के बारे में, पेंसिया ने कहा कि जिले के नौ स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत आते हैं।
उन्होंने कहा, “सभी स्थलों के संबंध में एएसआई को पत्र भेजा गया है, टीम ने निरीक्षण भी किया है। सौंधन में कार्य पूरा हो चुका है और अन्य स्थानों पर भी जल्द काम शुरू होगा।”
भाषा सं आनन्द