मसौदा बीज विधेयक विनाशकारी, बीजों की कीमतों में वृद्धि का कारण बनेगा: एआईकेएस
राजेश राजेश रमण
- 17 Nov 2025, 09:08 PM
- Updated: 09:08 PM
नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) अखिल भारतीय किसान सभा ने सोमवार को मसौदा बीज विधेयक, 2025 को ‘‘कृषि को नष्ट करने वाला विनाशकारी कानून’’ करार दिया, क्योंकि इसने दावा किया कि एक बार यह विधेयक कानून बन गया, तो बीज महंगे हो जाएंगे और यह कॉरपोरेट नियंत्रण का कारण बन सकते हैं।
इसने 26 नवंबर को मसौदा विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, जो अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के पांच साल पूरे होने का प्रतीक है।
एक बयान में, किसान संगठन ने दावा किया कि मसौदा विधेयक एकाधिकारवादियों के लिए बीजों की शिकारी कीमतों में लिप्त होने के लिए अनुकूल माहौल तैयार करेगा।
बयान में कहा गया है, ‘‘एआईकेएस का दृढ़ मत है कि बीजों से संबंधित कोई भी नया कानून पौध किस्मों और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत पहले से स्थापित प्रगतिशील कानूनी सुरक्षा उपायों और जैव विविधता सम्मेलन तथा खाद्य एवं कृषि हेतु पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतर्राष्ट्रीय संधि के तहत भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सक्रिय रूप से पूरक होना चाहिए, न कि उनका विरोध करना चाहिए।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘सटीक रूप से कहें तो, बीज विधेयक, 2025 का नया मसौदा, बीजों पर भारत के नियामक ढाँचे को पौध किस्मों और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों से काफी हद तक अलग करता है, और बीज क्षेत्र में संतुलन को बड़े कॉरपोरेट के पक्ष में सक्रिय रूप से स्थानांतरित करता है।’’
एआईकेएस अध्यक्ष और माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य अशोक धावले ने कहा कि प्रस्तावित कानून बीजों को महंगा कर देगा और इससे बीज क्षेत्र पर कंपनी नियंत्रण बढ़ सकता है।
धावले ने कहा कि इससे ‘‘बीज मौजूदा क़ीमतों से कहीं ज़्यादा महँगे हो जाएँगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक उन सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को भी नकार रहा है जो हमने पहले ही की हुई हैं। भारत पहले ही स्वदेशी बीजों और किसानों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धताएं जता चुका है और यह सब वास्तव में उन सभी अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन है जो भारत ने अपने किसानों और पूरी दुनिया के साथ की हैं।’’
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने सार्वजनिक परामर्श के लिए बीज विधेयक, 2025 का मसौदा जारी किया है और अंशधारकों से 11 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
मसौदा विधेयक के प्रमुख उद्देश्यों में बीज की गुणवत्ता को विनियमित करना, किसानों की किफायती उच्च-गुणवत्ता वाले बीजों तक पहुंच सुनिश्चित करना, नकली उत्पादों को समाप्त करना, नवाचार के लिए बीज आयात को उदार बनाना और पारदर्शी आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से किसानों के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
भाषा राजेश राजेश