मुख्यमंत्री मान ने क्षेत्रीय परिषद की बैठक में चंडीगढ़ और पंजाब विश्वविद्यालय पर दावा दोहराया
जितेंद्र प्रशांत
- 17 Nov 2025, 09:24 PM
- Updated: 09:24 PM
फरीदाबाद, 17 नवंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष चंडीगढ़, पंजाब विश्वविद्यालय और नदी जल पर राज्य के दावे को दोहराया।
शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में मान ने देश में वास्तविक संघीय ढांचे की भी वकालत की।
मुख्यमंत्री ने इन मुद्दों को उठाते हुए कहा कि संविधान स्पष्ट रूप से उन क्षेत्रों का सीमांकन करता है, जिनमें केंद्र और राज्यों को अपने-अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए कार्य करना है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछले 75 वर्ष में सत्ता के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति रही है।
मान ने चंडीगढ़ को पंजाब को सौंपने की वकालत करते हुए कहा कि 24 जुलाई, 1985 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच हुए राजीव-लोंगोवाल समझौते में इस बात की पुष्टि की गई थी कि चंडीगढ़ पंजाब को सौंपा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने हालांकि इस बात पर दुख जताया कि तमाम वादों के बावजूद चंडीगढ़ पंजाब को नहीं सौंपा गया, जिससे “हर पंजाबी की आत्मा को ठेस पहुंची”। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय के प्रशासन के पुनर्गठन के केंद्र के हालिया प्रयासों को पंजाब के अधिकारों, उसकी पहचान और स्वायत्तता में हस्तक्षेप के रूप में देखा गया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कामकाज में पंजाब और हरियाणा से सैन्य कर्मियों की नियुक्ति में 60-40 के अनुपात की यथास्थिति बनाए रखने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि आईएएस और पीसीएस अधिकारियों को चंडीगढ़ प्रशासन में प्रमुख पदों से बाहर रखा गया है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने सिंधु जल संधि के निलंबन के मद्देनजर कहा कि यहां प्रतिनिधित्व कर रहे राज्यों से संबंधित जल-संबंधी मुद्दों के समाधान का एक बड़ा अवसर है।
मान ने कहा कि चिनाब नदी को रावी और व्यास नदियों से जोड़ने की संभावना है, जिन पर “हमारे पास पहले से ही पानी के बहाव को नियंत्रित करने वाले बांध हैं”। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब सहित निचले राज्यों को बिजली उत्पादन और सिंचाई दोनों के लिए अतिरिक्त पानी का प्रवाह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय के मुद्दे पर कहा कि विश्वविद्यालय का पंजाब के लोगों के साथ गहरा जुड़ाव है और यह केवल पंजाब ही है, जो पिछले 50 वर्ष से इस विश्वविद्यालय का समर्थन व इसे और बेहतर बना रहा है।
उन्होंने कहा, “अब इस स्तर पर हमें समझ नहीं आ रहा है कि हरियाणा अपने कॉलेजों को पंजाब विश्वविद्यालय से संबद्ध क्यों करना चाहता है जबकि वे पिछले 50 वर्ष से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं।”
भाषा जितेंद्र