ओडिशा के मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से 'भ्रष्टाचार की छाया तक' से दूर रहने को कहा
राखी माधव
- 18 Nov 2025, 10:12 PM
- Updated: 10:12 PM
भुवनेश्वर, 18 नवंबर (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को जिलाधिकारियों से कहा कि वे स्वयं को 'भ्रष्टाचार की छाया तक' से दूर रखें और स्पष्ट किया कि यदि अनैतिक कार्यों से सरकार की छवि धूमिल होती है, तो वह इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
माझी ने यह बात यहां दो दिवसीय वार्षिक जिलाधिकारी-एसपी संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने जिलाधिकारियों को कम से कम नौ निर्देश जारी किए, जिसमें भ्रष्टाचार पर कड़ी चेतावनी उनकी शीर्ष प्राथमिकता थी।
माझी ने कहा, "राज्य सरकार निश्चित रूप से जिलाधिकारियों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी, लेकिन भ्रष्टाचार, लापरवाही और अक्षमताओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर किसी भी स्तर के अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण के कारण सरकार की छवि धूमिल होती है, तो मैं इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा।"
माझी ने कहा, "लेकिन, यह देखा गया है कि कुछ युवा अधिकारी और यूपीएससी तथा ओपीएससी के टॉपर अपने लंबे करियर के बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाती है।"
माझी ने कहा कि राज्य की भ्रष्टाचार-विरोधी सतर्कता शाखा "बेहद सक्रिय" है और भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
माझी ने कहा, "कृपया खुद को भ्रष्टाचार के साये से दूर रखें।"
राज्य भर में लघु खनिजों के “अनियमित” व्यापार की रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से ऐसी घटनाओं को “संगठित अपराध” के रूप में देखने और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
उन्होंने सुझाव दिया, "राज्य में लघु खनिजों के व्यापार को नियमित करने के लिए ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।"
उन्होंने जिला अधिकारियों को यह चेतावनी भी दी कि जहरीली शराब के सेवन के कारण किसी भी व्यक्ति की मौत होने पर उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "जहरीली शराब के कारोबार पर कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है। अगर जहरीली शराब पीने से किसी की मौत होती है, तो जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। उन्हें आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर क़ानून लागू करना होगा।"
माझी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक मिशन शुरू किया है जिसके तहत देश भर के लोगों को पेयजल और बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा, "कृपया अपनी नोटबुक में लिख लें कि यह मिशन 2027 तक पूरा किया जाना चाहिए। सभी विभागों के साथ समन्वय करना और मिशन को लागू करना कलेक्टरों की जिम्मेदारी है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को आकार देने और वर्ष 2036 तक "विकसित ओडिशा" के लक्ष्य को पूरा करने में कलेक्टरों की बड़ी भूमिका है।
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिडा, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, मुख्य सचिव मनोज आहूजा और विकास आयुक्त अनु गर्ग ने भी सभा को संबोधित किया।
इस बीच, विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य लघु खनिजों के बढ़ते अवैध व्यापार को रोकने में विफल रहा है।
बीजद प्रवक्ता लेनिन मोहंती ने कहा, "राज्य में खनिजों की बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि राज्य को वित्त वर्ष 2024-25 में इस क्षेत्र से केवल 600 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होगी, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 1485 करोड़ रुपये था।"
उन्होंने दावा किया, "मुख्यमंत्री ने बताया कि निवेश प्रस्ताव 17 लाख करोड़ रुपये के थे। हकीकत में, राज्य में औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक भी ईंट नहीं रखी गई है। दूसरी ओर, पिछली बीजद सरकार के दौरान निवेश के लिए अनुबंधित कई औद्योगिक संस्था भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य छोड़कर चले गए हैं।"
भाजपा ने जून 2024 में राज्य में सत्ता संभाली था।
भाषा
राखी