प्रीति ने विश्व चैंपियन हुआंग को चौंकाया, अरुंधति और परवीन वापसी मुकाबले में जीते
सुधीर आनन्द
- 18 Nov 2025, 10:25 PM
- Updated: 10:25 PM
(अपराजिता उपाध्याय)
ग्रेटर नोएडा, 18 नवंबर (भाषा) उभरती हुई भारतीय मुक्केबाज प्रीति पवार ने ओलंपिक पदक विजेता और तीन बार की विश्व चैंपियन चीनी ताइपे की हुआंग सियाओ वेन को हराकर मंगलवार को विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स के स्वर्ण पदक मुकाबलों में प्रवेश किया जबकि अरुंधति चौधरी और परवीन हुड्डा ने विपरीत अंदाज में जीत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी करते हुए खिताबी मुकाबलों में प्रवेश किया।
मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा), नूपुर (+80 किग्रा), अंकुश फंगाल (80 किग्रा), अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) और नरेंद्र बेरवाल (+90 किग्रा) भी अपने-अपने भार वर्गों में फाइनल में पहुंच गए।
प्रतिभाशाली प्रीति (54 किग्रा) ने अनुभवी हुआंग को लय हासिल करने का मौका नहीं दिया और 4-0 से शानदार जीत हासिल की।
प्रीति ने कहा, ‘‘मुझे पता था कि वह विश्व चैंपियन हैं लेकिन विश्व चैंपियन बनने के लिए आपको विश्व चैंपियन को हराना होगा। मुकाबले से पहले मेरी यही सोच थी कि मुझे अपना शत-प्रतिशत देना है और घरेलू दर्शकों के सामने जीत हासिल करनी है।’’
कलाई की चोट के कारण डेढ़ साल बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी कर रहीं पूर्व विश्व युवा चैंपियन अरुंधति ने 70 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में विश्व कप पदक विजेता जर्मनी की लियोनी म्यूलर को तीसरे राउंड में आरएससी (रैफरी ने मुकाबला रोका) के जरिए हराया।
अरुंधति ने शुरुआती दो राउंड में पूरी आक्रामकता के साथ दबदबा बनाया। उन्होंने दूसरे राउंड में एक बार जर्मनी की खिलाड़ी को गिराया और तीसरे राउंड में फिर से गिराकर शानदार जीत हासिल की।
अरुंधति ने कहा, ‘‘मैं शुरुआत में थोड़ी घबराई हुई थी क्योंकि मेरा आखिरी अंतरराष्ट्रीय अनुभव पेरिस (2024 ओलंपिक) क्वालीफायर में हार का था जिसके बाद मेरी कलाई की सर्जरी हुई थी। लेकिन मैंने खुद से कहा कि मैं इसी का इंतजार कर रही थी और अब मैं वापस आ गई हूं।’’
एशियाई खेल 2023 के बाद से अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग ले रहीं विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन ने 60 किग्रा वर्ग में पोलैंड की विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता राइगेल्स्का अनेटा एल्जबिएटा को करीबी मुकाबले में 3-2 के खंडित फैसले में हराया।
परवीन पर 12 महीने की अवधि में रहने के स्थान संबंधी नियम के तीन बार उल्लंघन के लिए प्रतिबंध लगा था।
परवीन ने कहा, ‘‘मैंने ना केवल मुकाबला जीता बल्कि अपना आत्मविश्वास भी वापस पाया। वह विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता हैं इसलिए दबाव था। मुझे कोई समर्थन नहीं मिला और यह मेरे लिए कठिन था।’’
मौजूदा विश्व चैंपियन मीनाक्षी ने अपना दमदार प्रदर्शन जारी रखते हुए कोरिया की बाक चो-रोंग पर 5-0 की आसान जीत हासिल की। उन्होंने पूरे मुकाबले के दौरान अपनी पकड़ बनाए रखी और अपनी प्रतिद्वंद्वी को कोई मौका नहीं दिया।
अंकुश ने अपनी गति और दबाव से ऑस्ट्रेलिया के मार्लन सेवेहोन को 5-0 से हराकर एक और प्रभावशाली जीत दर्ज की जबकि नुपुर (80 किग्रा से अधिक) ने यूक्रेन की मारिया लोवचिन्स्का पर समान अंतर से जीत हासिल की।
नवीन कुमार (90 किग्रा) और स्वीटी (75 किग्रा) को सेमीफाइनल में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। नवीन को इंग्लैंड के ओकोह इसाक ने 5-0 से हराया।
सेमीफाइनल में सीधे प्रतिस्पर्धा करते हुए स्वीटी 75 किग्रा वर्ग में लवलीना बोरगोहेन की जगह उतरीं लेकिन ऑस्ट्रेलिया की ऐमा सू ग्रीनट्री के खिलाफ हार गईं।
भाषा सुधीर आनन्द