हरिहर सेना की संभल में प्रस्तावित पदयात्रा स्थगित, अब अगले साल 19 नवंबर को होगी
सं. सलीम नोमान
- 19 Nov 2025, 07:21 PM
- Updated: 07:21 PM
संभल (उप्र), 19 नवंबर (भाषा) संभल जिले में कैला देवी धाम के महंत ऋषिराज गिरि ने बुधवार को होने वाली 'हरिहर सेना' की प्रस्तावित पदयात्रा को स्थगित कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि अब यह यात्रा अगले साल 19 नवंबर को आयोजित की जाएगी।
हरिहर सेना के संरक्षक गिरि ने कैला देवी धाम में श्रद्धालुओं और संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकारियों के आश्वासन और मामले से संबंधित अदालती कार्यवाही को देखते हुए उन्होंने यात्रा स्थगित करके उसे अगले साल 19 नवंबर को करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने दावा किया कि प्रशासन और पुलिस ने पदयात्रा को नहीं रोका बल्कि उन्हें आश्वासन दिया गया है कि भविष्य में इस यात्रा के लिये उचित समय निर्धारित किया जाएगा।
गिरि ने मंदिर परिसर में एक सभा के दौरान माइक पर कथित रूप से संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के फोन कॉल की रिकॉर्डिंग भी सुनायी जिसमें उन्होंने श्रद्धालुओं से पुलिस का सहयोग करने और शांति एवं सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी कार्यक्रम मंदिर परिसर के भीतर आयोजित करने की अपील की थी।
महंत गिरि ने कहा कि यात्रा के लिये श्रद्धालुओं, हिंदू समुदाय और मीडिया से मिला व्यापक समर्थन काफी उत्साहजनक है तथा आज की पदयात्रा स्थगित कर दी गई है लेकिन कैला देवी धाम में एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान किया गया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि पदयात्रा के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और कहा कि मंदिर में दर्शन के लिए प्रशासनिक अनुमति की आवश्यकता नहीं होती।
शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति द्वारा हरिहर सेना की पदयात्रा पर सवाल उठाये जाने के बारे में उन्होंने दावा किया कि यह प्रबंधन समिति 'अवैध' है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह ढांचा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकार क्षेत्र में आता है।
शाही जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष हरिहर मंदिर कहता है।
महंत ऋषिराज गिरि की हरिहर सेना द्वारा इसके परकोटे की परिक्रमा की घोषणा के मद्देनजर संभल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड लगाए गए और ड्रोन से निगरानी की गई। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
हिंदू पक्ष ने संभल की जिला अदालत में याचिका दाखिल की थी जिसमें दावा किया गया था कि मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद जहां मौजूद है, वहां पहले कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था। इस पर अदालत ने पिछले साल 19 नवंबर को मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था और उसी दिन उसका सर्वेक्षण भी हुआ था।
मस्जिद परिसर के दूसरे सर्वेक्षण के दिन पिछले साल 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें गोली लगने से चार लोगों की मौत हो गयी थी और कई पुलिसकर्मियों समेत अनेक लोग जख्मी हो गये थे।
पुलिस ने इस हिंसा के संबंध में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और मस्जिद प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जफर अली के खिलाफ नामजद तथा 2,750 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
भाषा सं. सलीम