कांग्रेस नेताओं ने शरद पवार से बीएमसी चुनाव के लिए गठबंधन पर चर्चा करने का अनुरोध किया
जोहेब प्रशांत
- 19 Nov 2025, 07:22 PM
- Updated: 07:22 PM
मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) आगामी मुंबई नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने की कांग्रेस की घोषणा के कुछ दिन बाद पार्टी की मुंबई इकाई की प्रमुख वर्षा गायकवाड़ और अन्य नेताओं ने बुधवार को राकांपा (शप) अध्यक्ष शरद पवार से गठबंधन पर चर्चा करने का आह्वान किया।
कांग्रेस ने कहा कि वह मुंबई नगर निगम चुनाव "समान विचारधारा वाले दलों" के साथ लड़ना चाहती है और इस गठबंधन पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
हालांकि, कांग्रेस राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से हाथ मिलाने को तैयार नहीं दिख रही है। गायकवाड़ ने कहा कि कांग्रेस उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं कर सकती जो कानून अपने हाथ में लेते हैं या धमकी देते हैं।
राज्य में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत नगर निगमों के चुनाव जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है।
मुंबई में 2017 में हुए पिछले नगर निकाय चुनाव में, कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था और उसने केवल 30 सीट जीती थीं। शनिवार को, मुंबई में कांग्रेस की एक दिन की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने घोषणा की थी कि पार्टी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी और सभी 227 वार्ड में उम्मीदवार उतारेगी।
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए, गायकवाड़ ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा (शप) "स्वाभाविक साझेदार" हैं और दोनों पार्टियां लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखती हैं।
उन्होंने कहा, “बीएमसी चुनाव गठबंधन पर चर्चा जारी है। जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।” राकांपा (शप) की मुंबई इकाई की अध्यक्ष राखी जाधव और अन्य नेताओं के साथ बातचीत पहले ही हो चुकी है।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने हमेशा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर गठबंधन बनाए हैं। हम समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ना चाहते हैं।"
राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को गठबंधन में शामिल करने की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में, गायकवाड़ ने कहा कि इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, "शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने पहले संकेत दिया था कि स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़े जाएंगे। अगर उद्धव और राज ठाकरे साथ आते हैं, तो हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है और हम उन लोगों से हाथ नहीं मिला सकते जो कानून अपने हाथ में लेते हैं या धमकी देते हैं।"
गायकवाड़ ने कहा कि बीएमसी चुनाव जाति, क्षेत्र, भाषा या धर्म के बजाय जनता के मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए।
उन्होंने कहा, "मुंबई प्रदूषण, गड्ढों, यातायात जाम, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बीएमसी में भ्रष्टाचार जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है। हम इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएंगे।"
कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए कहा कि मुंबई में स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ तीन महीने तक चली चर्चा के बाद लिया गया।
उन्होंने कहा, "हमें 227 वार्ड में से प्रत्येक में अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को एकजुट रखना है। नगर निकाय पर 30 वर्ष तक (अविभाजित) शिवसेना और भाजपा का शासन रहा है। हम चाहते हैं कि हम जो मुद्दे उठाएं, वे जमीनी स्तर पर पहुंचें।"
उन्होंने कहा कि मुंबई कांग्रेस ने तीन महीने पहले ही स्थानीय चुनाव अकेले लड़ने के फैसले के बारे में पार्टी नेतृत्व को सूचित कर दिया था।
शिवसेना ने मंगलवार को कांग्रेस से संयम बरतने और बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने से बचने का आग्रह किया। पार्टी ने आगाह किया कि इस कदम से भाजपा को मदद मिलेगी और महा विकास आघाडी (एमवीए) कमजोर होगा।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कांग्रेस को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को "सबक सिखाने" संबंधी पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान की भी याद दिलाई।
पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, "यह सबक तभी सिखाया जा सकता है जब विपक्ष एकजुट रहे।"
संपादकीय में कांग्रेस की इस चिंता को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई अगर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को अपने साथ लिया गया तो उसके उत्तर भारतीय व मुस्लिम मतदाता वर्ग में सेंध लग सकती है।
संपादकीय में कहा गया है कि बिहार में शिवसेना (उबाठा) और मनसे के चुनाव न लड़ने के बावजूद कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।
भाषा जोहेब