ईडी ने ब्रिटेन में रह रहे संजय भंडारी से जुड़े मामले में रॉबर्ट वाद्रा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया
नोमान अविनाश
- 20 Nov 2025, 10:59 PM
- Updated: 10:59 PM
नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा के पति एवं कारोबारी रॉबर्ट वाद्रा के खिलाफ ब्रिटेन में रह रहे भगोड़े हथियार कारोबारी संजय भंडारी से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है। आधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरक अभियोजन शिकायत यहां विशेष धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) अदालत में दायर की गई।
अधिकारियों ने कहा कि मामले को संज्ञान संबंधी कार्यवाही के लिए छह दिसंबर को सूचीबद्ध किया गया है।
वाद्रा के खिलाफ धनशोधन के मामले में यह दूसरा आरोपपत्र है। जुलाई में, ईडी ने हरियाणा के शिकोहपुर में एक ज़मीन सौदे में कथित गड़बड़ियों से जुड़े धनशोधन मामले में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
ईडी भंडारी से जुड़े मामले में 56 साल के वाद्रा से विगत में पूछताछ कर चुकी है।
वाद्रा या उनकी कानूनी टीम की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
ईडी ने फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था। यह मामला 2015 के कालाधन रोकथाम कानून के तहत उसके खिलाफ दाखिल आयकर विभाग के आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया गया था।
ईडी ने 2023 में इस मामले में दायर दूसरे पूरक आरोपपत्र में आरोप लगाया कि भंडारी ने 2009 में लंदन में 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर क्षेत्र में एक मकान लिया और ‘‘रॉबर्ट वाद्रा के निर्देशों के अनुसार’’ इसका नवीनीकरण कराया तथा नवीनीकरण के लिए धन रॉबर्ट वाद्रा द्वारा प्रदान किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी की जांच में पाया गया कि वाद्रा भंडारी की मदद कर रहे थे और लंदन की संपत्ति का इस्तेमाल कर रहे थे, जो धनशोधन निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत अपराध से अर्जित आय है।
वाद्रा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में किसी भी संपत्ति का स्वामित्व है। उन्होंने इन आरोपों को अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा है कि राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए उन्हें परेशान किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में अन्य देशों से जुटाए गए कुछ साक्ष्यों के आधार पर वाद्रा से पूछताछ की, जिसका उन्होंने कथित तौर पर कोई "संतोषजनक" जवाब नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि भंडारी द्वारा ली गई संपत्ति का वाद्रा ने अपने निजी उपयोग के लिए "लाभकारी" ढंग से इस्तेमाल किया और चूंकि यह पाया गया कि "अपराध की आय" वाद्रा के कब्जे में थी, इसलिए उनके खिलाफ पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने की मांग करते हुए आरोपपत्र दायर किया गया।
समझा जाता है कि ईडी ने पाया कि वाद्रा ने उक्त लंदन स्थित संपत्ति को सुसज्जित कराया, जबकि इसे भंडारी ने 19 लाख पौंड में खरीदा था।
अधिकारियों ने बताया कि घर को सुसज्जित करने के लिए धन वाद्रा ने "प्रदान" किया था, वह संपत्ति के अंदरूनी हिस्सों के बारे में निर्णय लेते थे और उक्त संपत्ति में "ठहरते" भी थे, जबकि संपत्ति का स्वामित्व भंडारी से सी.सी. थम्पी और फिर "श्री चेरु" के पास बदलता रहा।
उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा इकट्ठा किए गए सबूतों से पता चला है कि वाद्रा ने इस संपत्ति का इस्तेमाल उस समय किया जब यह संपत्ति "बेनामी" थी।
भंडारी के प्रत्यर्पण का आग्रह ब्रिटेन की अदालत ने खारिज कर दिया था। उसे जुलाई में दिल्ली की एक अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था।
वर्ष 2016 में दिल्ली में आयकर विभाग के छापे के बाद 63 वर्षीय भंडारी लंदन भाग गया था।
भाषा नोमान