जेलों में बंद आतंकवादियों तक संदेश पहुंचाने को नशेड़ियों का इस्तेमाल कर रही है आईएसआई : अधिकारी
अमित नरेश
- 08 Dec 2024, 07:39 PM
- Updated: 07:39 PM
(सुमीर कौल)
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कथित तौर पर नशेड़ियों या मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के रूप में लोगों की भारत में घुसपैठ करा रही है ताकि उनका उपयोग देश की जेलों में बंद कट्टर आतंकवादियों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने के लिए किया जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि इस साल जुलाई से अब तक 10 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें पाकिस्तानी नागरिक अपने देश और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से भारत में घुसे हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कई को जम्मू, पंजाब और राजस्थान की जेलों में भेजा गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि ये लोग इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के संदेशवाहक हैं, जिन्हें जहां भी संभव हो, जेल में बंद आतंकवादियों तक महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने का काम सौंपा गया है।
उन्होंने बताया कि इन व्यक्तियों से पूछताछ से पता चलता है कि उन्हें सुरक्षा कर्मियों द्वारा पूछताछ का सामना करने के लिए प्रतिरोधी तकनीकों में प्रशिक्षित किया गया है।
पकड़े गए व्यक्तियों के व्यवहार ने अधिकारियों के बीच संदेह उत्पन्न किया है और अधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा दी गई अल्प जानकारी और गोलमोल जवाब उनकी घुसपैठ के पीछे संभावित रूप से बड़े एजेंडे का संकेत देते हैं।
उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन और इंटरनेट के इस्तेमाल से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य रह जाते हैं, जो सीमा पार से संचालित सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के षड्यंत्रों को उजागर कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके चलते आईएसआई ने यह नया तरीका अपनाया है।
अधिकारियों के अनुसार घुसपैठ की रणनीति में कथित तौर पर महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं, जो ‘कूरियर’ के रूप में भी काम कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जुलाई में एक उल्लेखनीय घटना में, पाकिस्तान के अटक के एक नाबालिग को पंजाब में पकड़ा गया था।
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान सुरक्षाकर्मियों को अरबी भाषा में लिखा हुआ एक गीला कागज मिला, हालांकि वह पढ़ने लायक नहीं था।
उन्होंने बताया कि आईएसआई की घुसपैठ की रणनीति को मादक पदार्थ तस्करी से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बिजनौर गांव में एक मामले में, मानसिक रूप से विक्षिप्त दिखने वाले एक पाकिस्तानी नागरिक ने गहन पूछताछ के दौरान आखिरकार यह राज उगल दिया कि उसे पाकिस्तान के दो मादक पदार्थ माफिया सरफराज जोहिया और नवाज ने भारत में मादक पदार्थ की तस्करी को सुगम बनाने और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों की तैनाती के बारे में जानकारी जुटाने के लिए काम पर रखा था।
उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई एक अन्य घटना में, लाहौर का मोहम्मद असद नामक एक पाकिस्तानी युवक अपनी मोटरसाइकिल पर जीरो लाइन पर आया और बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार किये जाने का इंतजार करने लगा। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान, उसने दावा किया कि उसकी प्रेमिका को लेकर उसका पारिवारिक विवाद हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि असद, जिसे बाद में जेल भेज दिया गया था, संभवतः एक ‘कूरियर’ के रूप में काम कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों ने विस्तारित पूछताछ के लिए अतिरिक्त हिरासत का अनुरोध किया है।
अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर में, खुद का नाम शाहिद इमरान बताने वाले 31 वर्षीय एक व्यक्ति ने जम्मू सेक्टर के जरिये भारत में प्रवेश किया और दावा किया कि वह शादी के लिए काली मंदिर जाना चाहता है।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसे घुसपैठियों के खिलाफ आम तौर पर विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाता है, जिसके लिए दो साल से लेकर आठ साल तक की जेल की सजा हो सकती है और इसके बाद उन्हें उनके देश वापस भेज दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में, आईएसआई ने भारत और पाकिस्तान के बीच रेल लिंक समझौता एक्सप्रेस का इस्तेमाल गुप्त कूरियर संचालन के लिए किया, जिसमें ‘‘सवारी ऑपरेटर्स’’ के रूप में जाने जाने वाले व्यक्तियों को काम पर रखा गया।
यह ट्रेन सेवा फरवरी 2019 तक जारी रही।
अधिकारियों के अनुसार ‘‘सवारी ऑपरेटर्स’’ ने जम्मू कश्मीर, साथ ही पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए मादक पदार्थ की तस्करी और धन के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
हालांकि, अधिकारियों द्वारा एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के बाद, इन कृत्यों को प्रभावी ढंग से रोक दिया गया, जिससे ऐसी गतिविधियों में शामिल कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गाय और उन्हें जेल की सजा हुई।
अधिकारियों के अनुसार हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि कूरियर भेजने का आईएसआई का वर्तमान तरीका इन पिछली रणनीतियों को दर्शाता है।
अधिकारियों ने कहा कि अब अपनायी जा रही घुसपैठ की रणनीतियां अतीत की याद दिलाती हैं, क्योंकि गुप्तचर एजेंसी कानून प्रवर्तन से बचने तथा सीमा पार महत्वपूर्ण संचार और संसाधन पहुंचाने के नये तरीके खोज रही है।
भाषा अमित