पीएमएमएल सोसाइटी की बैठक में नेहरू के निजी कागजातों का मुद्दा भी आया: सूत्र
वैभव नरेश
- 24 Jun 2025, 02:34 PM
- Updated: 02:34 PM
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसाइटी की दिल्ली में आयोजित वार्षिक आम बैठक के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े निजी कागजात से संबंधित मुद्दे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही।
सोमवार को पीएमएमएल सोसाइटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की और इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।
सोसाइटी की यह अहम बैठक तीन मूर्ति भवन में हुई।
सूत्रों ने बताया कि अन्य मामलों के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू से जुड़े निजी कागजात का मुद्दा भी चर्चा में आया। हालांकि, उन्होंने इस विषय पर चर्चा के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि सोसाइटी के एक सदस्य ने सोमवार को बैठक के दौरान इस मुद्दे को ‘केवल उठाया ही था’।
भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू मध्य दिल्ली में स्थित तीन मूर्ति भवन में रहते थे जो उनके निधन के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) बन गया। इसमें पुस्तकों और दुर्लभ अभिलेखों का समृद्ध संग्रह है। एनएमएमएल सोसाइटी का नाम बदलकर दो साल पहले अगस्त 2023 से पीएमएमएल सोसाइटी कर दिया गया था।
पीएमएमएल की प्रमुख निर्णय लेने वाली संस्था के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री सिंह हैं।
गुजरात के अहमदाबाद में एक स्थानीय कॉलेज में इतिहास पढ़ाने वाले 56 वर्षीय रिजवान कादरी ने सितंबर 2024 में कहा था कि उन्होंने पीएमएमएल सोसाइटी की एजीएम बैठकों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा कई साल पहले ले लिए गए कागजात को ‘वापस लेने’ के मुद्दे को मुखर तरीके से उठाया था।
पीएमएमएल सोसाइटी के सदस्य कादरी ने दावा किया था कि नेहरू के निजी कागजात से संबंधित रिकॉर्ड रखने वाले ‘51 बॉक्स’ सोनिया गांधी ने ले लिए हैं।
गत नौ सितंबर, 2024 को सोनिया को लिखे अपने पत्र में उन्होंने उनसे आग्रह किया था कि वह नेहरू से संबंधित निजी कागजात भौतिक या डिजिटल तरीके से उपलब्ध कराएं जो उनके पास हैं।
पीएमएमएल तीन मूर्ति भवन में स्थित है, जिसमें प्रधानमंत्री संग्रहालय भी है।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी प्रधानमंत्रियों का संग्रहालय बनाने से ‘भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित उनकी विरासत के साथ न्याय हुआ है’।
बैठक के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा, ‘‘2014 से पहले ऐसा नहीं था।’’
एजीएम के दौरान मोदी ने देश भर के संग्रहालयों का एकीकृत सांस्कृतिक और सूचनात्मक परिदृश्य प्रदान करने के लिए ‘भारत का संग्रहालय मानचित्र’ बनाने की अवधारणा भी सामने रखी।
पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के सभी संग्रहालयों का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस विकसित करने का सुझाव दिया, जिसमें दर्शकों की संख्या और गुणवत्ता मानकों जैसे प्रमुख मापदंड शामिल हों।’’
भाषा वैभव