भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी कर्मचारियों को बनाया जा रहा निशाना : ममता बनर्जी
रवि कांत रवि कांत माधव
- 24 Jun 2025, 06:21 PM
- Updated: 06:21 PM
कोलकाता, 24 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य के बांग्ला भाषी लोगों को भाजपा शासित कुछ राज्यों में बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
बनर्जी ने विधानसभा कक्ष में संवाददाताओं से कहा कि उनके पास सूचना है कि वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद बांग्ला भाषी 300-400 प्रवासी मजदूरों को राजस्थान में एक इमारत में बंधक बनाकर रखा गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ क्या रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद जैसी महान विभूतियों की भाषा बांग्ला में बात करना अपराध है? मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। मैं उनका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहूंगी।’’
उन्होंने दावा किया कि राजस्थान के अलावा ऐसी घटनाएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दिल्ली और मध्यप्रदेश में भी पहले हो चुकी हैं।
एक सवाल के जवाब में बनर्जी ने कहा कि मुख्य सचिव इस ताजा मुद्दे को राजस्थान में अपने समकक्ष के सामने उठा रहे हैं। नबन्ना(राज्य सचिवालय) के सूत्रों ने बताया कि यह घटना कथित तौर पर भिवाड़ी में हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक मेरी जानकारी है, वर्ष 1971 तक जो भी भारत आया वह भारतीय नागरिक है।’’
बनर्जी ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के 1.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक बंगाल में विभिन्न इकाइयों में कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘ लेकिन हम कभी भी ऐसे कदम उठाने की कल्पना नहीं कर सकते जो भारत की बहुलतावाद की भावना के खिलाफ हो। क्या होगा यदि दूसरे राज्यों से आए प्रवासियों के खिलाफ उनकी मातृभाषा बोलने पर ऐसे कदम उठाए जाएं? क्या भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला बोलना अपवित्र माना जाता है?’’
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में बांग्ला को वैकल्पिक भाषा के रूप में हटा दिया गया है तथा इस कदम पर गहरा खेद व्यक्त किया।
बनर्जी ने सवाल किया, ‘‘क्या अमित शाह के अधीन केंद्रीय गृह मंत्रालय बांग्ला भाषी प्रवासियों के खिलाफ इस अभियान से अनभिज्ञ है?’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के लगभग 22 लाख प्रवासी श्रमिक वर्तमान में अन्य राज्यों में कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अक्सर लोगों से यहीं रहकर काम करने का आग्रह करती हूं, लेकिन बहुत से लोग रोज़ी-रोटी की तलाश में राज्य से बाहर चले जाते हैं। क्या बांग्ला भाषा में बात करना उनका अपराध है? उन सभी के पास नागरिकता संबंधी आवश्यक दस्तावेज हैं।’’
भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर कथित अत्याचारों को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले हो रहे हैं।’’
भाषा रवि कांत रवि कांत