पश्चिम बंगाल में हड़ताल समर्थकों एवं पुलिस के बीच झड़प, सरकार ने अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध किए
सिम्मी नरेश
- 09 Jul 2025, 01:44 PM
- Updated: 01:44 PM
(तस्वीरों के साथ जारी)
कोलकाता, नौ जुलाई (भाषा) केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थकों की पश्चिम बंगाल में कुछ स्थानों पर बुधवार को पुलिस के साथ झड़प हुई जबकि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया कि हड़ताल के दौरान जनजीवन प्रभावित न हो।
पश्चिम बंगाल में वाम दलों द्वारा समर्थित एवं 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत हड़ताल ‘‘उदारीकरण, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, ठेका व्यवस्था और अन्य मुद्दों’’ के खिलाफ की जा रही है।
दक्षिण कोलकाता के गांगुली बागान इलाके में ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना देने की कोशिश के दौरान पुलिस के साथ हाथापाई की।
पुलिस ने ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) नेता सृजन भट्टाचार्य सहित कुछ हड़ताल समर्थकों को हिरासत में ले लिया। भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग किया।
कोलकाता पुलिस की दक्षिण उपनगरीय संभाग की उपायुक्त बिदिशा कलिता दासगुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए मौके पर मौजूद रहे कि यातायात में कोई बाधा पैदा नहीं हो।
दासगुप्ता ने कहा, ‘‘स्थिति सामान्य है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यातायात में बाधा पैदा नहीं हो।’’
मालदा शहर में हड़ताल के समर्थन में मार्च निकाल रहे वामपंथी समर्थकों को रोक दिया गया।
हावड़ा के डोमजूर में जब हड़ताल समर्थकों ने सड़क बाधित करने की कोशिश की तो पुलिस को उन्हें हटाने के लिए लाठीचार्ज करते देखा गया।
उत्तर बंगाल में पुलिस ने नाकाबंदी करने की कोशिश कर रहे हड़ताल समर्थकों को सड़कों से हटा दिया।
हड़ताल समर्थकों ने राज्य में कुछ जगहों पर रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित करने की कोशिश की।
हड़ताल सुबह छह बजे शुरू हुई और इसके समर्थकों ने पूर्वी रेलवे के सियालदह मंडल में सियालदह दक्षिण खंड के डायमंड हार्बर और उत्तर खंड के श्यामनगर में रेलगाड़ियों की आवाजाही रोकने की कोशिश की।
पश्चिम बंगाल सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए परिवहन एवं सुरक्षा के आवश्यक प्रबंध किए हैं कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत तथा राज्य में वामपंथी दलों द्वारा समर्थित देशव्यापी हड़ताल के दौरान जनजीवन प्रभावित न हो।
यातायात का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गईं।
पश्चिम बंगाल में भारतीय ट्रेड यूनियन संघ (सीटू) के अध्यक्ष अनादि साहू ने बताया कि 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने ‘‘उदारीकरण, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी, ठेका व्यवस्था और अन्य मुद्दों’’ के खिलाफ आम हड़ताल का आह्वान किया है।
उन्होंने बताया कि वामपंथी दलों के समर्थन से 10 श्रमिक संगठन नयी श्रम संहिताओं और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।
केंद्र का मानना है कि 1,200 से अधिक धाराओं वाले 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को श्रमिक वर्गों के हित में केवल चार संहिताओं में समाहित किया गया है लेकिन वामपंथी श्रमिक संगठनों एवं अन्य पक्षों का कहना है कि नयी श्रम संहिताएं श्रमिकों के हित में नहीं हैं।
राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए बुधवार को कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य कर दिया है।
राज्य सरकार ने कार्यस्थलों तक लोगों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर और अधिक बस उपलब्ध कराई हैं।
पश्चिम बंगाल में 2011 से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में किसी भी बंद का विरोध किया है और कहा है कि इससे काम पर असर पड़ता है।
भाषा सिम्मी