भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए, आप ने भाजपा को दलित विरोधी बताया
संतोष अविनाश
- 24 Feb 2025, 09:11 PM
- Updated: 09:11 PM
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) तीन बार के भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को सोमवार को आठवीं दिल्ली विधानसभा के प्रथम सत्र में नया विधानसभा अध्यक्ष चुना गया।
गुप्ता का विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठना भाजपा के दिग्गज नेता के लिए एक चक्र के पूरे होने का प्रतीक है, जिन्हें आम आदमी पार्टी (आप) के 10 साल के कार्यकाल के दौरान कई बार मार्शल द्वारा विधानसभा से बाहर निकाला गया था।
विधानसभा अध्यक्ष चुनने के लिए सदस्यों को धन्यवाद देते हुए गुप्ता ने कहा, ‘‘मैं इस महान सदन के सभी माननीय सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे इस पद के लिए चुना और इस सदन को चलाने की गंभीर जिम्मेदारी सौंपी। यह सदन ऐतिहासिक है और यह पद लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं का प्रतीक है। भारत के संसदीय इतिहास में पहले निर्वाचित ‘स्पीकर’ विट्ठलभाई पटेल ने ठीक 100 साल पहले इस सीट को सुशोभित किया था। मैं उन्हें सम्मानपूर्वक नमन करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा सौभाग्य है कि आज हम ऐसे सदन में बैठे हैं जिसकी शोभा हमारे उन स्वतंत्रता सेनानियों ने बढ़ाई है जिनमें गोपाल कृष्ण गोखले, विट्ठलभाई पटेल, मदन मोहन मालवीय, सुंदर सिंह मजीठिया, मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपत राय और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (जो यहां दो बार आए) जैसी हस्तियां शामिल हैं। तीन बार विधायक रहे गुप्ता 2015 से 2020 के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे और पिछले अगस्त से फिर कुछ समय के लिए नेता प्रतिपक्ष रहे।
जून 2015 में उन्हें घसीट कर मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाला गया था, क्योंकि उन्होंने सरकार से चौथे दिल्ली वित्त आयोग की रिपोर्ट पेश करने पर जोर दिया था। अक्टूबर 2016 में वह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए एक मेज पर चढ़ गए थे।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन में पेश किए जाने पर जोर देने के कारण जबरन निकाले गए गुप्ता से अब यह सुनिश्चित करने की उम्मीद है कि ये रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष रखी जाएं।
भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष गुप्ता 2015 से रोहिणी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने 1997 में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वे 2013 में नयी दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल से अपना पहला विधानसभा चुनाव हार गए थे।
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कैबिनेट मंत्री रविंदर इंद्राज ने प्रस्तावित किया, जिसका समर्थन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश वर्मा ने किया।
ये प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हो गए। प्रोटेम स्पीकर अरविंदर सिंह लवली द्वारा कराए गए चुनाव के बाद मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष विधानसभा अध्यक्ष को उनकी कुर्सी तक ले गए।
नये विधानसभा अध्यक्ष को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने कहा, ‘‘आपका अनुभव और ज्ञान विधानसभा के लिए बहुमूल्य साबित होगा। हमें बोलने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। आपने इस पद तक पहुंचने के लिए संघर्ष किया है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा संघर्ष नहीं होगा और आप सदन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे।’’
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भी गुप्ता को बधाई देते हुए कहा, ‘‘मैं आप के सभी विधायकों की ओर से विजेंद्र गुप्ता को बधाई देना चाहती हूं। पिछली दो विधानसभाओं में वे नेता प्रतिपक्ष रहे। उन्होंने हमेशा जनता के मुद्दों को पूरी ताकत से उठाया।’’
गुप्ता के कार्यभार संभालने के कुछ ही मिनट बाद सदन में हंगामा होने लगा और सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। इसके बाद बाद आतिशी ने भाजपा पर ‘दलित विरोधी’ और ‘सिख विरोधी’ होने का आरोप लगाया।
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली विधानसभा का नेतृत्व एक ऐसी पार्टी कर रही है जो दलित और सिख विरोधी है। भाजपा ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं, जो उसके दलित विरोधी रुख को दर्शाता हैं।’’
आतिशी ने ‘एक्स’ पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, ‘‘भाजपा ने अपना असली दलित विरोधी और सिख विरोधी चेहरा दिखा दिया है। दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी गई हैं।’’ आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस कदम से आंबेडकर के लाखों अनुयायियों को ठेस पहुंची है।
हंगामे के बीच गुप्ता ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके पहले, दिल्ली विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सत्ता भले ही बदलती रहे, लेकिन सदन की गरिमा, मूल्य और परंपराएं शाश्वत हैं। उन्होंने विधायकों को भरोसा दिलाया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से पूरा करेंगे। गुप्ता ने कहा कि विधानसभा में निर्धारित नियमों के अलावा किसी भी तरह का प्रस्ताव उनके द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
भाषा
संतोष