एमसीडी ने दिल्ली के निवासियों के लिए गृह कर माफ करने की घोषणा की
सुरभि नरेश
- 24 Feb 2025, 03:59 PM
- Updated: 03:59 PM
नयी दिल्ली, 24 फरवरी (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने गृह कर माफी योजना की घोषणा की है, जिससे दिल्ली के निवासी 2024-25 का अपना बकाया गृह कर चुका पाएंगे और उनके पिछले सभी लंबित करों को माफ कर दिया जाएगा।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर महेश खिंची, उप महापौर रवींद्र भारद्वाज, सदन के नेता मुकेश गोयल और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को यहां प्रेस वार्ता में यह घोषणा की।
आप के नेतृत्व वाले नगर निगम की ओर से यह प्रस्ताव मंगलवार को एमसीडी सदन में पारित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य नागरिकों पर वित्तीय बोझ कम करना और कर संग्रह में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है।
इस योजना के तहत आवासीय दुकानों सहित 100 वर्ग गज तक की संपत्ति को अगले वित्तीय वर्ष से गृह कर से पूरी तरह छूट दी जाएगी। 100 से 500 वर्ग गज तक के आवासों को 50 प्रतिशत छूट मिलेगी, जबकि 1,300 ‘आवासीय सोसायटी’ को जो पहले किसी छूट के लिए योग्य नहीं थीं, अब 25 प्रतिशत छूट मिलेगी।
प्रेस वार्ता में खिंची ने कहा कि आप ने हमेशा अपना वादा पूरा किया है और हालिया फैसला गृह स्वामियों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा कि एमसीडी 12,000 संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की योजना पर भी आगे बढ़ रही है। इसके अलावा पिछले दो वर्षों में 8,000 कर्मचारियों को पहले ही स्थायी किया जा चुका है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर माफी योजना से न केवल मकान मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि कर संग्रह में पारदर्शिता भी आएगी और भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
सिंह ने कहा कि आप ने लगातार आम आदमी के कल्याण के लिए काम किया है और यह निर्णय उस प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने कहा कि पहली बार दिल्ली में 1,300 अपार्टमेंट के निवासियों को कर में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी जिन्हें पहले कभी कर में छूट नहीं मिली थी। इसे आप के नेतृत्व वाली एमसीडी का ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से हजारों परिवारों को राहत मिलेगी जो वर्षों से अत्यधिक गृह कर के बोझ तले दबे हुए हैं।
आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि इस कदम से कर संग्रह में भ्रष्टाचार खत्म होगा क्योंकि कई मकान मालिकों को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने के कारण अधिकारियों द्वारा परेशान किया जाता था।
उन्होंने बताया कि पिछले प्रशासन के तहत गृह कर का इस्तेमाल अक्सर रिश्वत लेने के साधन के रूप में किया जाता था, जिससे एमसीडी के राजस्व में नुकसान होता था।
पाठक ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नगर निकाय की कमान संभालने से पहले एमसीडी कर्मचारियों को वर्षों तक समय पर वेतन नहीं मिला, लेकिन दिल्ली में पिछली आप सरकार के तहत बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ उन्हें समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया गया।
भाषा सुरभि