हम बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनाना चाहते हैं : योगी आदित्यनाथ
आनन्द, रवि कांत
- 25 Feb 2025, 06:15 PM
- Updated: 06:15 PM
लखनऊ, 25 फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) की मानसिकता को संकीर्ण बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को केवल पारंपरिक मदरसों तक सीमित नहीं रखना चाहती बल्कि उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और साहित्यकार बनाने का अवसर भी प्रदान करना चाहती है।
योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के बजट सत्र के छठे दिन विधान परिषद में मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षा के आधुनिकीकरण से ही समाज का विकास संभव है।
योगी ने कहा कि स्कूलों में निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। उनका आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इसके लिए डबल इंजन की सरकार पैसा उपलब्ध करवा रही है।
उन्होंने कहा कि 'डबल इंजन' की सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
योगी ने कहा कि सरकार हर बच्चे को उत्तम शिक्षा प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है, जिससे वे केवल मजहबी शिक्षा तक ही सीमित न रहें, बल्कि आधुनिक शिक्षा ग्रहण कर समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनें।
योगी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर बच्चा अपनी योग्यता के आधार पर आगे बढ़े और राष्ट्र के विकास में योगदान दे। बच्चे ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति हैं इसलिए इसमें कोई भेदभाव नहीं होगा और उन्हें उत्तम शिक्षा मिलेगी तथा सरकार इसके लिए सही दिशा में कदम बढ़ा रही है।
योगी ने विधान परिषद में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए थारू जनजाति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह जनजाति उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा क्षेत्र में निवास करती है, जिसमें महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, गोरखपुर और सोनभद्र जैसे जिले शामिल हैं।
उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे प्रदेश की जनजातियों और वंचित वर्गों की वास्तविक स्थिति से पूरी तरह अनभिज्ञ हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि थारू, मुसहर, गोंड और अन्य वंचित जनजातियों के लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित थे, न उनके पास जमीन के पट्टे थे, न राशन कार्ड, न ही मकान और डबल इंजन की सरकार ने इन सभी जनजातियों को मुख्यधारा में लाने का काम किया है।
योगी ने समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केवल एक ढोंग है।
उन्होंने कहा कि वे केवल दिखावे की राजनीति करते हैं। उन्होंने प्रदेश में इंसेफेलाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से हुई मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन मौजूदा सरकार ने बिना किसी भेदभाव के इसे एक मिशन के रूप में लिया और व्यापक स्तर पर टीकाकरण, स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से इसे नियंत्रित किया।
उन्होंने कहा कि आज यह बीमारी लगभग समाप्त हो चुकी है, लेकिन विपक्ष इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सोच केवल राजनीति तक सीमित है, वे विकास के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय केवल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।
उन्होंने कहा कि 'डबल इंजन' की सरकार ने प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 के पहले की कानून व्यवस्था की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं। उस दौरान प्रदेश में हर दूसरे और तीसरे दिन दंगा होता था। प्रदेश में कोई बेटी सुरक्षित नहीं थी, लोग पलायन को मजबूर थे। उस समय कस्बे के कस्बे पलायन कर जाते थे, लेकिन 2017 के बाद जो व्यवस्था आई, उसने प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह से बदल दिया। आज उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था देश में एक नजीर बनी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था देश में एक मॉडल व्यवस्था बनी है।
योगी ने एनसीआरबी के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2016 की तुलना में वर्तमान में डकैती की घटना में 84.41 प्रतिशत, लूट में 77.43 प्रतिशत, हत्या में 41.01 प्रतिशत, बलवा की घटनाओं में 66.04 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण की घटना में 54.72 प्रतिशत, दहेज के लिए हत्या में 17.08 प्रतिशत, दुष्कर्म की घटनाओं में 26.15 प्रतिशत की कमी आई है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पूरे देश में महिला संबंधी अपराधों में लिप्त अपराधियों को सजा दिलाने में नंबर एक पर है।
भाषा
आनन्द, रवि कांत