सेना के डीजीएमओ ने मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की
वैभव नरेश
- 25 Feb 2025, 06:22 PM
- Updated: 06:22 PM
नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) भारतीय सेना के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान राज्य के सुरक्षा परिदृश्य तथा भारत-म्यांमा सीमा (आईएमबी) पर स्थिति की व्यापक समीक्षा की।
सेना ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, राज्य सुरक्षा सलाहकार, मणिपुर के मुख्य सचिव और मणिपुर के पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की।
सेना ने लेफ्टिनेंट जनरल घई की 24 और 25 मई की मणिपुर यात्रा के संदर्भ में बताया कि इसमें मणिपुर में स्थिरता और लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रणनीतिक पहलों को लागू करने के लिए सैन्य तथा राज्य के अधिकारियों के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर बल दिया गया।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नौ फरवरी को इस्तीफे के बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
सेना ने कहा कि डीजीएमओ ने भारत-म्यांमा सीमा (आईएमबी) पर स्थिति की व्यापक समझ और राज्य में सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास की स्थिति की जानकारी हासिल करने के लिए मणिपुर का दौरा किया।
इसमें कहा गया, ‘‘डीजीएमओ ने भारतीय सेना की संचालन संबंधी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया, भारत-म्यांमा सीमा (आईएमबी) पर सुरक्षा स्थिति और सीमांत क्षेत्रों सहित राज्य में मौजूदा सुरक्षा संबंधी क्रियाकलापों का आकलन किया।’’
सेना के अनुसार, ‘‘उन्होंने प्रमुख हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान ‘सरकार के समग्र दृष्टिकोण’ पर भी जोर दिया।’’
सेना के अनुसार यह विचार-विमर्श राज्य में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को सामान्य बनाने, विशेष रूप से सीमा प्रबंधन को बढ़ाने तथा आईएमबी पर सुरक्षा संबंधी अवसंरचना को मजबूत करने की आवश्यकता पर केंद्रित था।
म्यांमा भारत का एक रणनीतिक पड़ोसी देश है और यह उग्रवाद प्रभावित नगालैंड तथा मणिपुर समेत उत्तर पूर्व के कई राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर सीमा साझा करता है।
म्यांमा के सीमावर्ती क्षेत्रों में हिंसा और अस्थिरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल जनवरी में सीमा पर बाड़ लगाने की योजना की घोषणा की थी।
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